ओडिशा और मध्य प्रदेश को 38वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले के लिए थीम राज्य घोषित किया गया है, जो 7 से 23 फरवरी के बीच आयोजित किया जाएगा। यह पहली बार है कि दो राज्यों को थीम राज्य नामित किया गया है। 17 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान दोनों राज्यों को अपनी कला दिखाने के लिए अधिक संख्या में स्टॉल मिलेंगे।
मेले का उद्घाटन केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा किये जाने की संभावना है। आयोजक इस साल थीम राज्यों के शिल्पकारों के लिए करीब 90 स्टॉल लगाने की पेशकश कर रहे हैं। मेले में करीब 1,200 स्टॉल होंगे, जिसमें करीब 2,000 कारीगरों के अलावा पूर्वोत्तर समेत देश के विभिन्न हिस्सों से सांस्कृतिक दलों के सदस्यों के भाग लेने की उम्मीद है।
मेले के मुख्य आयोजक हरियाणा पर्यटन के सूत्रों के अनुसार, इस बार 45 से अधिक देशों को निमंत्रण भेजा गया है और लगभग 20 देशों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले वर्ष इस आयोजन में 35 से अधिक विदेशी देशों ने भाग लिया था।
सूत्रों ने दावा किया कि ओडिशा और मध्य प्रदेश दोनों ने इस आयोजन में थीम राज्य के रूप में भाग लेने के लिए सहमति दे दी है।
यह मेला 1987 में शुरू हुआ था और अब तक हर साल थीम राज्य के रूप में केवल एक राज्य को चुना जाता था। अधिकारियों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (BIMSTEC) समूह के हिस्से के रूप में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए एक विशेष मंडप बनाएंगे। इस वर्ष पूर्वोत्तर राज्यों को सांस्कृतिक भागीदार का दर्जा दिया गया है।
आयोजकों ने डिजिटल भुगतान की सुविधा के लिए स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट टिकटिंग तथा बीएसएनएल और एयरटेल वाई-फाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी की है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन टिकटिंग साझेदार होगा और इसकी सूचना प्रणाली पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिसे मेले की वेबसाइट surajkundmela.co.in पर देखा जा सकता है।
45 एकड़ में फैले इस आयोजन में कलाकारों और शिल्पकारों के लिए विशेष स्टॉल, फूड कोर्ट और अन्य सुविधाएं होंगी। मेले में विभिन्न व्यापारिक संगठनों द्वारा स्टॉल लगाए जाने की उम्मीद है।
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