हिमाचल प्रदेश हिम महोत्सव, राज्य की सांस्कृतिक विरासत, शिल्प और व्यंजनों का जश्न मनाने वाला 15 दिवसीय उत्सव, सोमवार शाम को दिल्ली हाट, नई दिल्ली में संपन्न हुआ। इसका आयोजन हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के सहयोग से किया था।
इस आयोजन ने न केवल राज्य की कलात्मक विरासत को प्रदर्शित किया, बल्कि स्थानीय कारीगरों के लिए 2 करोड़ रुपये का कारोबार भी संभव बनाया। यह उत्सव कारीगरों के लिए एक ऐसा मंच बन गया, जहाँ वे व्यापक दर्शकों से जुड़ सकते थे, जिससे सांस्कृतिक संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिला।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा, “हिम महोत्सव ने हिमाचल की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और आधुनिक व्यावसायिक दुनिया के बीच की खाई को पाट दिया है। इसने राज्य के विविध हस्तशिल्प, पारंपरिक परिधान और व्यंजनों का सम्मान करते हुए कारीगरों के लिए नए व्यावसायिक अवसर सफलतापूर्वक पैदा किए हैं।”
उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम ने कहा कि इस आयोजन को मिली अच्छी प्रतिक्रिया से पता चलता है कि हिमाचली शिल्प में देश की दिलचस्पी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय कारीगरों के लिए नए अवसर खुलेंगे।
इस महोत्सव में 60 स्टॉल लगाए गए, जहां कारीगरों ने ऊनी शॉल, चंबा रुमाल, कांगड़ा पेंटिंग और पारंपरिक आभूषण सहित हस्तनिर्मित उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की।
हिमाचली धाम, राज्य का प्रसिद्ध व्यंजन, अपने प्रामाणिक स्वादों से आगंतुकों को आकर्षित करता है, जिससे सांस्कृतिक अनुभव और समृद्ध होता है। हिमाचल की जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं का जश्न मनाते हुए, इस कार्यक्रम में कांगड़ा के गद्दी नृत्य और सिरमौर की नाटी जैसे प्रदर्शन शामिल थे।
ग्रैंड फिनाले में हिमाचली फैशन शो भी आयोजित किया गया, जिसमें क्षेत्र की पारंपरिक पोशाकें प्रदर्शित की गईं, जो महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहा।
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