February 22, 2025
Punjab

एसजीपीसी प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान उच्चायुक्त से मुलाकात की; अधिकतम संख्या में तीर्थयात्रियों को वीजा जारी करने की मांग की

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के निर्देश पर एसजीपीसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी साद अहमद वराइच से मुलाकात की और मांग की कि एसजीपीसी द्वारा सहमत जत्थों के तहत पाकिस्तान में गुरुद्वारों के दर्शन के लिए भेजे गए सिख तीर्थयात्रियों की पूरी सूची को वीजा दिया जाना चाहिए और श्री गुरु अर्जन देव के शहीदी दिवस के अवसर पर सिख जत्थे को स्वीकृत नानकशाही कैलेंडर के अनुसार भेजने की अनुमति दी जानी चाहिए।

एसजीपीसी प्रतिनिधिमंडल में मुख्य सचिव एवं सदस्य कुलवंत सिंह मन्नन, सदस्य भाई राजिंदर सिंह मेहता, सचिव प्रताप सिंह और सहायक सचिव जसविंदर सिंह शामिल थे।

इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए कुलवंत सिंह मन्नण और भाई राजिंदर सिंह मेहता ने कहा कि पिछले दिनों एसजीपीसी द्वारा पाकिस्तान उच्चायोग को भेजी गई सूची में से सिख श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में वीजा काटे गए थे, जिसके संबंध में आज पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी सिखों की एक प्रतिनिधि संस्था है, जो हर साल खालसा साजना दिवस (वैसाखी), श्री गुरु अर्जन देव के शहीदी दिवस, महाराजा रणजीत सिंह की बरसी (पुण्यतिथि) और श्री गुरु नानक देव के प्रकाश गुरुपर्व के अवसर पर पाकिस्तान के विभिन्न गुरुद्वारों के दर्शन के लिए जत्थे भेजती है।

बताया जाता है कि इन जत्थों के लिए पंजाब राज्य के पास क्रमशः 1800, 600, 300 और 1800 वीज़ा का स्वीकृत कोटा है। लेकिन पिछले कुछ सालों से एसजीपीसी द्वारा भेजी गई सिख तीर्थयात्रियों की पूरी सूची को पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा वीज़ा नहीं दिया जाता और बड़ी संख्या में नाम एसजीपीसी की सूची से काट दिए जाते हैं।

एसजीपीसी पदाधिकारियों ने बताया कि आज यह मामला पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों के समक्ष उठाया गया तथा मांग की गई कि पाकिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारों के प्रति सिख श्रद्धालुओं की श्रद्धा एवं धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए एसजीपीसी सूची में से अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया जाए।

उन्होंने कहा कि पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव के शहीदी दिवस के अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा स्वीकृत नानकशाही कैलेंडर के अनुसार सिख तीर्थयात्रियों के जत्थे को पाकिस्तान भेजने की अनुमति देने की भी मांग की गई है।

पाकिस्तान उच्चायोग को दिए गए पत्र में कहा गया है कि पांचवें गुरु के शहीदी दिवस के अवसर पर हर साल सिख जत्था पाकिस्तान भेजा जाता है।

एसजीपीसी सिख समुदाय के सर्वोच्च लौकिक प्राधिकारी श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा अनुमोदित नानकशाही कैलेंडर के अनुसार हर साल श्री गुरु अर्जन देव का शहीदी दिवस मनाती है, जबकि पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) हर साल 16 जून को तय तिथि पर इस दिवस को मनाती है।

तिथियों में अंतर के कारण एसजीपीसी 2012 से सिख तीर्थयात्रियों का जत्था नहीं भेज पाई है।

तिथियों में अंतर के कारण, पाकिस्तान उच्चायोग स्वीकृत नानकशाही कैलेंडर के अनुरूप एसजीपीसी द्वारा भेजी गई सिख तीर्थयात्रियों की सूची को वीजा जारी नहीं करता है, जिससे भारतीय सिख तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष श्री गुरु अर्जन देव का शहीदी दिवस एसजीपीसी और सिख संगत द्वारा 30 मई, 2025 (जयत सुदी 4) को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा अनुमोदित नानकशाही कैलेंडर के अनुसार मनाया जा रहा है। इसलिए, 30 मई, 2025 की तारीख के लिए भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा जारी किया जाना चाहिए, ताकि सिख जत्था गुरुद्वारा देहरा साहिब, लाहौर जाकर पांचवें गुरु को उनके शहीदी दिवस पर नमन कर सके।

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