February 1, 2025
Himachal

आईआईटी-मंडी ने उद्योग-अकादमिक सहयोग बढ़ाने के लिए सम्मेलन का आयोजन किया

IIT-Mandi organizes conference to enhance industry-academia collaboration

आईआईटी मंडी आईहब और एचसीआई फाउंडेशन ने आज आईआईटी मंडी परिसर कामंद में अपने प्रमुख सम्मेलन एचआईवीई 2.0 के दूसरे संस्करण का सफलतापूर्वक शुभारंभ किया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य अनुवाद संबंधी शोध को बढ़ावा देना और उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ाना था, जिसमें शिक्षा जगत, उद्योग, स्टार्टअप और सरकारी क्षेत्रों के अग्रणी पेशेवर शामिल हुए। इसमें सहयोग को बढ़ावा देने, शोध को वास्तविक दुनिया की जरूरतों के साथ जोड़ने और मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन (HCI) में नवाचारों की खोज पर ध्यान केंद्रित किया गया।

सम्मेलन में सहायक प्रौद्योगिकियों, उपकरण-आधारित प्रौद्योगिकियों, अनुभव प्रौद्योगिकियों और जनरेटिव एआई-आधारित डिजाइन प्रौद्योगिकियों जैसे प्रमुख विषयों को शामिल किया गया।

हिमाचल प्रदेश के नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने इस कार्यक्रम और आईआईटी मंडी में एक नए कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन किया।

उन्होंने हिमाचल प्रदेश और राष्ट्र के लिए तकनीक-प्रेमी कार्यबल तैयार करने के लिए नवाचार और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

हिमाचल प्रदेश के डिजिटल प्रौद्योगिकी और शासन विभाग की सचिव राखील कहलों ने राज्य के डिजिटल परिवर्तन पर प्रकाश डाला, जिसमें ड्रोन प्रौद्योगिकी, एआई और सेमीकंडक्टर विनिर्माण में प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने में HIVE 2.0 जैसे प्लेटफार्मों के महत्व को व्यक्त किया।

उद्घाटन भाषण के दौरान, आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा और आईआईटी मंडी आईहब के सीईओ सोमजीत अमृत ने स्वास्थ्य सेवा और तकनीकी नवाचारों में तेजी लाने के लिए अकादमिक अनुसंधान के साथ उद्योग की चुनौतियों को जोड़ने के महत्व पर बल दिया।

HIVE 2.0 का एक प्रमुख आकर्षण अनुसंधान-उद्योग संवाद था, जिसमें प्रारंभिक चरण के अनुसंधान से लेकर व्यावसायीकरण तक प्रौद्योगिकी विकास में “मृत्यु की घाटी” को संबोधित किया गया। चर्चाओं में अंतराल को पाटने, अवधारणा के प्रमाण अनुसंधान को उद्योग की जरूरतों के साथ संरेखित करने और बौद्धिक संपदा मुद्दों को संबोधित करने पर जोर दिया गया।

इस कार्यक्रम में जनरेटिव एआई ऑन एज, ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स और इसरो के प्रायोजित शोध अवसरों जैसे विषयों पर पैनल चर्चाएँ भी शामिल थीं। 100 से ज़्यादा स्टार्टअप्स ने भाग लिया, जिनमें से 15 ने एआई-संचालित डिमेंशिया डायग्नोसिस और मल्टीसेंसरी डिजिटल अनुभवों जैसे क्षेत्रों में अभिनव समाधान पेश किए।

अन्य प्रमुख वक्ताओं में इसरो, पीजीआई चंडीगढ़, क्वालकॉम, सैमसंग और रोवियल स्पेस तथा आईफीलवेल जैसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के विशेषज्ञ शामिल थे।

आईआईटी मंडी आईहब के प्रोफेसर शुभाजीत रॉय चौधरी ने अल्जाइमर और पार्किंसंस रोगों के लिए एआई-संचालित निदान जैसी स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी में संस्थान की प्रगति पर प्रकाश डाला।

HIVE 2.0 ने मजबूत उद्योग-अकादमिक साझेदारी के महत्व को सफलतापूर्वक रेखांकित किया, तथा अत्याधुनिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए दीर्घकालिक सहयोग की नींव रखी।

Leave feedback about this

  • Service