हर साल चार फरवरी को ‘कैंसर दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इसके तहत कैंसर को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है। उन्हें यह बताया जाता है कि वो खुद को कैसे इस बीमारी से बचा सकते हैं। इस दिन इस बीमारी के संबंध में लोगों को सभी प्रकार की जानकारी दी जाती है, ताकि वो ऐसे किसी भी प्रकार के लक्षण देखे जाने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
वहीं, केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ की शुरुआत की गई थी, ताकि वे अपना उपचार करा सकें। इस योजना का लाभ व्यापक स्तर पर कैंसर के मरीजों को मिल रहा है।
इसी को लेकर आईएएनएस ने एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. बालकृष्ण पटाडे से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि किस तरह से ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ का लाभ कैंसर के मरीजों को मिल रहा है। वे इस योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता से अपना उपचार करवा रहे हैं, जिससे उन्हें नई जिंदगी मिल रही है।
डॉ. बालकृष्ण पटाडे ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ 2018 में शुरू की गई थी। इसके तहत वित्तीय रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य के लिए पांच लाख रुपये की सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। इस योजना से मरीजों को इलाज के लिए पैसे की चिंता नहीं करनी पड़ती और उनका स्वास्थ्य द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र में आसानी से इलाज हो सकता है। इसके कारण, अब मरीज सीधे तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र में इलाज के लिए पहुंच सकते हैं।
डॉ. बताते हैं कि हाल ही में एक पेपर प्रकाशित हुआ है, जिसमें भारत के प्रमुख कैंसर सेंटरों द्वारा 7,000 मरीजों का डेटा इकट्ठा किया गया था। इस डेटा के अनुसार, यह पाया गया कि जन आरोग्य योजना की वजह से लगभग तीन गुना अधिक लोग कैंसर के इलाज के लिए समय पर अस्पताल पहुंच पा रहे हैं। कैंसर में इलाज में देरी से बीमारी फैलने का खतरा रहता है और अक्सर इलाज प्रभावी नहीं हो पाता। इस योजना के तहत मरीजों को एक लाख रुपये का बीमा मिलता है, जिससे वे आसानी से तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र में कैंसर का पूरा इलाज करवा सकते हैं।
वे बताते हैं कि यह योजना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कई मरीजों को समय रहते इलाज मिल पा रहा है और अब कैंसर का इलाज पहले के मुकाबले बहुत पहले किया जा रहा है। अगर आप 2017 से पहले का आंकड़ा देखें, तो इससे पहले कैंसर का डायग्नोसिस होने के बाद भी केवल 30 फीसद से भी कम मरीज समय पर अस्पताल पहुंचते थे, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 63 फीसद तक पहुंच गया है। इस योजना के कारण सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है और यह मोदी सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।
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