February 7, 2025
National

आरजी कर: दोषी को फांसी देने की मांग वाली बंगाल सरकार की याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला आज

RG Kar: Calcutta High Court’s decision today on Bengal government’s petition demanding hanging of the convict.

कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ शुक्रवार सुबह आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले के एकमात्र दोषी संजय रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग करने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका की स्वीकार्यता पर फैसला सुनाएगी।

पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दोनों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बार रशीदी की खंडपीठ से रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग की है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के पिछले आदेश के बाद, सीबीआई ने राज्य सरकार की याचिका का इस आधार पर विरोध किया था कि उनके अधिकारी ही इस पूरे केस की जांच कर रहे थे।

इसको ध्यान में रखते हुए केंद्रीय एजेंसी और पीड़िता के माता-पिता को याचिका दायर करने का अधिकार था, न कि राज्य सरकार को, क्योंकि राज्य सरकार इस मामले में पक्ष नहीं थी।

सीबीआई और राज्य सरकार दोनों की याचिकाओं की स्वीकार्यता पर सुनवाई 27 जनवरी को पूरी हो गई। लेकिन डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया और फैसला शुक्रवार सुबह सुनाया जाएगा।

हालांकि, राज्य सरकार के वकील का तर्क था कि इस विशेष मामले में राज्य सरकार दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 377 (जो राज्य सरकार को किसी सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति देती है, अगर वह इसे अपर्याप्त मानती है) और धारा 378 (संज्ञेय और गैर-जमानती अपराधों के लिए बरी आदेशों के खिलाफ अपील से संबंधित) के तहत अपील कर सकती है।

पिछले महीने कोलकाता की एक विशेष अदालत ने रॉय को पिछले साल अगस्त में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की महिला जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

विशेष अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि अपराध को “दुर्लभतम” नहीं माना जा सकता, इसलिए एकमात्र दोषी को मृत्युदंड के बजाय आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

हालांकि, पहले पश्चिम बंगाल सरकार और फिर सीबीआई ने न्यायमूर्ति बसाक और न्यायमूर्ति रशीदी की उसी खंडपीठ के समक्ष विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी और रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग की।

वहीं, सीबीआई ने राज्य सरकार की याचिका की स्वीकार्यता को चुनौती दी।

ज्ञात हो कि गत वर्ष 9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर के भीतर स्थित एक सेमिनार हॉल से महिला डॉक्टर का शव बरामद होने के बाद, प्रारंभिक जांच कोलकाता पुलिस ने की थी। अधिकारियों ने रॉय को भी गिरफ्तार किया था।

बाद में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई ने जांच का कार्यभार अपने हाथ में ले लिया था।

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