भारत के निजी क्षेत्र का आउटपुट फरवरी में छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और इस दौरान सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में तेज वृद्धि देखने को मिली है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी हुए एचएसबीसी फ्लैश पीएमआई डेटा सर्वे में दी गई।
डेटा में बताया गया कि कुल बिक्री में इजाफा देखने को मिला है, जिसके कारण कंपनियों के ऑपरेशंस बढ़े हैं और नियुक्तियों में वृद्धि हुई है।
एचएसबीसी फ्लैश इंडिया कम्पोजिट आउटपुट इंडेक्स में बताया गया कि भारत के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का संयुक्त पीएमआई फरवरी में बढ़कर 60.6 रहा है, जो कि जनवरी में 57.7 पर था। यह अगस्त 2024 के बाद निजी सेक्टर में हुई सबसे तेज वृद्धि है।
रिपोर्ट में बताया गया कि वृद्धि दर की गति लंबी अवधि के औसत से अधिक रही है। सर्विस सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग की अपेक्षा अधिक तेज वृद्धि दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, फैक्टरी ऑर्डर अधिक तेजी से बढ़े हैं। हालांकि, जनवरी की तुलना में गति धीमी ही रही है। धीमीपन की वजह प्रतिस्पर्धात्मक दबाव भी है। दूसरी तरफ, सर्विस कंपनियों के नए बिजनेस में उछाल दर्ज किया गया है। यह अगस्त 2024 के बाद सबसे अधिक रहा है। इस कारण कम्पोजिट स्तर पर निजी क्षेत्र का आउटपुट छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
सर्वे के अनुसार, वस्तु उत्पादकों के आत्मविश्वास में सुधार हुआ है और मैन्युफैक्चरिंग के डेटा से पता चलता है कि कंपनियां इनपुट में वृद्धि कर रही हैं।
सर्वे में कहा गया है कि महंगाई की दर ऐतिहासिक मानकों के हिसाब से मध्यम रही और चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। वस्तु उत्पादकों की तुलना में सर्विस फर्मों पर लागत का दबाव अधिक था।
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