February 25, 2025
National

पीएम किसान सम्मान निधि के तहत हिमाचल के 9.73 लाख किसानों के खाते में 180 करोड़ रुपये आए: जयराम ठाकुर

Under PM Kisan Samman Nidhi, Rs 180 crore came into the accounts of 9.73 lakh farmers of Himachal: Jai Ram Thakur.

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सोमवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के स्थापना समारोह में शामिल हुए। इसके बाद वे सुंदरनगर के कृषि विज्ञान केंद्र में किसान सम्मान समारोह में भी शामिल हुए।

जयराम ठाकुर ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के भागलपुर से देश के लगभग 10 करोड़ किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त के रूप में 22,000 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से जारी किए। जिसमें से लगभग 9 लाख 73 किसान हिमाचल प्रदेश के हैं। जिनके खाते में 180 करोड़ रुपये आए हैं। अब तक देश के किसानों को किसान सम्मान निधि के रूप में 3.68 लाख करोड़ रुपये मिल चुके हैं। यह बहुत बड़ी धनराशि है।

उन्होंने आगे कहा कि फरवरी 2019 के बाद से अब तक देश के लगभग 10 करोड़ किसानों को समान रूप से किसान सम्मान निधि मिल रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार। यह पीएम मोदी की गारंटी है, जो उन्होंने देश के अन्नदाताओं को दी है। यह नया भारत है, जहां किसानों को भेजे जाने वाली पाई-पाई सीधे उनके खाते में पहुंचती है। कोई भी दिल्ली से भेजे पैसे पर पंजा नहीं मार सकता है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का सेवाकाल किसानों के लिए स्वर्णकाल है। वर्ष 2014-15 में देश का कृषि बजट 25.5 हजार करोड़ था, जो 2024-25 में 1 लाख 22,528 करोड़ हो गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को बजट में 1.37 लाख करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। यह धन राशि यूपीए के कार्यकाल के मुकाबले पांच गुना से ज्यादा है। इस बार के कृषि बजट में भी किसानों का विशेष ध्यान रखा गया है।

उन्होंने कहा कि एनडीए के कार्यकाल में कृषि अवसंरचना कोष के तहत 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर कृषि सुविधाओं का विस्तार किया गया है। इस बार के बजट में केसीसी की ऋण सीमा को भी 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है। इसका फायदा देश के 7.75 करोड़ केसीसी धारक किसानों को होगा। देश के 24 करोड़ से ज्यादा किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिया जा चुका है। जिससे उनकी बहुत बचत हुई है। 100 प्रतिशत नीम कोटेड यूरिया से यूरिया की कालाबाजारी रुकी और किसानों को उचित दर पर उपलब्ध हो सकी। परंपरा कृषि विकास योजना के तहत 1980 करोड़ का फंड देश के 8.13 लाख किसानों को दिया गया। पिछले दस सालों में 6,500 करोड़ रुपये किसानों को कृषि मशीनरी खोलने के लिए दिए गए हैं। इनाम ऐप पर 1.7 करोड़ किसान और 2.6 लाख ट्रेडर अपने आप को रजिस्ट्रर कर चुके हैं, जिससे किसानों को सीधे बाजार मिल रहा और वह सरकार की निगहबानी में निश्चिंत होकर अपने सभी प्रोडक्ट्स बेच रहे हैं। इसी के चलते पिछले दस सालों में देश में खाद्यान्न उत्पादन डेढ़ गुना बढ़कर 329 मिलियन टन हुआ।

जयराम ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के किसानों को सब्सिडी पर फर्टिलाइजर्स उपलब्ध हो सके, इसके लिए पिछले दस सालों में 11 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने खर्च किए हैं। देश में पहले बार 22 फसलों की एमएसपी उनके लागत से 50 प्रतिशत अधिक रखी गई है। पिछले दस सालों में ज्वार-बाजरा समेत कई फसलों के एमएसपी में दो गुना की वृद्धि हुई है। पिछले दस सालों में देश के किसानों को गेहूं और धान की फसलों के एमएसपी के लिए 18 लाख करोड़ रुपये का डीबीटी किया है। यह राशि कांग्रेस सरकार के मुकाबले ढाई गुना से ज्यादा है। तिलहन और दलहन की फसलों पर मोदी सरकार ने 1.25 लाख करोड़ रुपये एमएसपी पर खर्च किए हैं।

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