आबकारी एवं कराधान विभाग ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है।
फरवरी 2025 में देश में 1,83,646 करोड़ रुपये का सकल जीएसटी राजस्व संग्रहित हुआ, जो पिछले साल इसी महीने के जीएसटी राजस्व से 9.1 फीसदी अधिक है। वहीं, हरियाणा में फरवरी 2025 में सकल जीएसटी संग्रह 9,925 करोड़ रुपये है, जबकि फरवरी 2024 में यह 8,269 करोड़ रुपये था, जो 20 फीसदी की वृद्धि है। यह राष्ट्रीय वृद्धि औसत 10 फीसदी से दोगुना है। जीएसटी संग्रह में हरियाणा महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु के साथ देश के शीर्ष 5 राज्यों में बना हुआ है।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि यह न केवल हरियाणा सरकार की कर सुधार नीति की सफलता को दर्शाता है बल्कि यह राज्य के विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। जनवरी 2025 में हरियाणा ने बड़े राज्यों में सबसे अधिक विकास दर भी दिखाई थी। जीएसटी संग्रह में वृद्धि आर्थिक प्रगति को दर्शाती है।
आबकारी एवं कराधान विभाग एसजीएसटी, आबकारी शुल्क और वैट के तहत राज्य के कुल राजस्व का 80 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है। अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 की अवधि के दौरान, आबकारी एवं कराधान विभाग ने 57,125 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं, जो वर्ष 2024-25 के लिए कुल बजट लक्ष्य 63,348 करोड़ रुपये का 90 प्रतिशत से अधिक है और विभाग बजट लक्ष्य को पार करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि राजस्व सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो विभिन्न सरकारी परियोजनाओं को विकसित करने, नागरिक सेवाएं प्रदान करने और देश और राज्य के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक धन उपलब्ध कराता है।
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