अब सिर्फ आवाज से ही कैंसर की पहचान हो सकेगी। ऐसी ही तकनीक चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में शुरू की जा रही है। जानकारी के अनुसार, वोकल कॉर्ड कैंसर (स्वरयंत्र कैंसर) की पहचान अब आवाज के जरिए ही समय रहते की जा सकेगी।
आपको बता दें कि चंडीगढ़ पीजीआई के एएनटी विभाग की टीम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से एक नया अध्ययन करने जा रही है, जिसमें इंसान की आवाज के बदलते पैटर्न से कैंसर की संभावना का पता लगाया जाएगा।
इस शोध को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से 90 लाख रुपये का वित्त पोषण प्राप्त हुआ है और यह तीन वर्षों में पूरा होगा। इस शोध में लगभग 1,000 वयस्कों को शामिल किया जाएगा।
इस शोध के तहत एक हजार लोगों का वॉयस डेटा एकत्र किया जाएगा। इसमें दो समूह होंगे – एक में पूरी तरह स्वस्थ वयस्कों की आवाज का अध्ययन किया जाएगा, जबकि दूसरे समूह में वे मरीज शामिल होंगे जो पहले से ही आवाज संबंधी विकार की शिकायत करते हैं।
सभी की आवाजें एक विशेष मोबाइल ऐप में रिकॉर्ड की जाएंगी और फिर एआई सॉफ्टवेयर से उसका विश्लेषण किया जाएगा। यह सॉफ्टवेयर यह जांच करेगा कि किन ध्वनियों में ऐसे पैटर्न हैं जो कैंसर का संकेत दे सकते हैं।
शोध दल का मानना है कि जैसे-जैसे यह तकनीक अधिक डेटा एकत्र करेगी, इसकी सटीकता भी बढ़ती जाएगी और यह कैंसर का पता लगाने का एक आसान और विश्वसनीय तरीका बन सकता है।
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