April 18, 2025
National

युवाओं के दिल पर बढ़ता खतरा : हृदय रोग अब उम्र नहीं देखता

Increasing danger to the hearts of young people: Heart disease no longer sees age

पहले हृदय रोग को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था। लेकिन, अब यह युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। खासकर 20 और 30 की उम्र के लोग तेजी से हृदय संबंधी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं।

हाल के अध्ययनों से पता चला है कि खराब खान-पान, तनाव, आधुनिक जीवनशैली, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं इसके लिए जिम्मेदार हैं। इसके अलावा, बैठे रहने की आदत, धूम्रपान, शराब का सेवन और मोटापा भी इस खतरे को बढ़ा रहे हैं। युवाओं में हृदय रोग के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित हैं।

एक प्रमुख दवा कंपनी यूएसवी के अध्ययन में सामने आया कि युवा भारतीयों में असामान्य कोलेस्ट्रॉल स्तर आम है। इस अध्ययन में जीवनशैली और मधुमेह से जुड़े ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन के उच्च स्तर को प्रमुख जोखिम बताया गया।

एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि 35 से 45 साल की उम्र के लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या तेजी से बढ़ रही है। धूम्रपान, मोटापा, पारिवारिक इतिहास और शराब का सेवन इसके मुख्य कारण हैं। ये नतीजे बताते हैं कि अनियंत्रित मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं युवाओं में हृदय रोग को बढ़ावा दे रही हैं।

पटना मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. उपेंद्र नारायण सिंह के मुताबिक, हाल के शोधों में 40 साल से कम उम्र के लोगों में हृदय रोग के मामले बढ़े हैं। भारत में यह समस्या विकसित देशों की तुलना में कम उम्र में और ज्यादा बार देखी जा रही है। इसका कारण आधुनिक जीवनशैली और तनाव के साथ-साथ खराब आदतें हैं।

हालांकि, अच्छी खबर यह है कि हृदय रोग को रोका जा सकता है। अगर युवा समय रहते सही कदम उठाएं, तो वे अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच से कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और शुगर के स्तर पर नजर रखी जा सकती है, जिससे समस्याओं का जल्द पता चल सकता है। खान-पान में सुधार भी जरूरी है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और जैतून जैसे तेलों का सेवन बढ़ाने से हृदय को फायदा होता है। साथ ही, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और चीनी को कम करना चाहिए।

शारीरिक गतिविधि भी बेहद जरूरी है। हफ्ते में पांच दिन सिर्फ 30 मिनट की हल्की-फुल्की कसरत हृदय रोग के खतरे को काफी कम कर सकती है। तनाव को कम करने के लिए योग और ध्यान जैसे तरीके अपनाए जा सकते हैं। पर्याप्त नींद भी तनाव को नियंत्रित करती है। धूम्रपान और शराब से दूरी बनाना भी जरूरी है, क्योंकि ये दोनों हृदय के लिए नुकसानदायक हैं।

आज की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में प्रदूषण का बढ़ता स्तर भी हृदय स्वास्थ्य के लिए खतरा है। इसे रोकने के लिए जागरूकता और स्वस्थ जीवन शैली अपनाना जरूरी है। 20 और 30 की उम्र में किए गए छोटे-छोटे बदलाव लंबे समय तक हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं। अपने दिल की सेहत के लिए आज से ही शुरुआत करें।

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