चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय (सीडीएलयू), सिरसा के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने सोमवार को राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के प्रोफेसर एवं पूर्व निदेशक (जनसंपर्क) सुनीत मुखर्जी इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता थे।
उन्होंने कहा कि जनसंपर्क सिर्फ़ संचार से कहीं ज़्यादा है। उन्होंने कहा, “यह एक जुनून है और राष्ट्र निर्माण और सामाजिक बदलाव के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है।” मुखर्जी ने छात्रों को जनसंपर्क को सिर्फ नौकरी के रूप में नहीं, बल्कि समाज की सेवा के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने बताया कि 1968 से भारत में 21 अप्रैल को राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो दिल्ली में पहला राष्ट्रीय जनसंपर्क सम्मेलन था। इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और गणमान्य व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। छात्रों ने अतिथि वक्ता के साथ प्रश्न-उत्तर सत्र में भी भाग लिया।
कार्यक्रम का नेतृत्व सेवा सिंह बाजवा ने किया, जिन्होंने डिजिटल युग में संगठनों और जनता के बीच विश्वास निर्माण में पीआर की भूमिका पर प्रकाश डाला।
सीडीएलयू के निदेशक (पीआर) डॉ. अमित सांगवान ने अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि यह कार्यक्रम कुलपति नरसीराम बिश्नोई के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
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