May 23, 2025
National

दिल्ली विधानसभा की पीएसी बैठक, प्रदूषण और शराब नीति पर सीएजी रिपोर्ट को लेकर चर्चा

Delhi Assembly’s PAC meeting, discussion on CAG report on pollution and liquor policy

दिल्ली विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) की गुरुवार को समिति प्रमुख अजय महावर की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजधानी में वायु प्रदूषण और शराब बिक्री में अनियमितताओं पर कैग की रिपोर्ट पर चर्चा की गई।

बैठक की शुरुआत सभी समिति सदस्यों के औपचारिक परिचय के साथ हुई, जिसके बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) और पीएसी के बीच संबंधों और कार्य प्रक्रियाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।

बैठक में अरविंदर सिंह लवली, सतीश उपाध्याय, शिखा राय, कैलाश गहलोत, राजकुमार चौहान, आतिशी, वीरेंद्र कादयान और कुलदीप कुमार शामिल थे। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों में अतिरिक्त उप सीएजी, स्वास्थ्य विभाग के सचिव, आबकारी आयुक्त, परिवहन आयुक्त, अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यावरण), दिल्ली विधानसभा के सचिव, वित्त सचिव और अन्य शामिल थे।

पीएसी ने सीएजी रिपोर्ट में उजागर किए गए मुद्दों जैसे वायु प्रदूषण, राजधानी में शराब बिक्री में अनियमितताएं और स्वास्थ्य से जुड़े मामलों पर गंभीर चर्चा की। समिति ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों से विस्तृत जानकारी मांगी और भविष्य की कार्रवाई पर विचार-विमर्श किया।

बैठक के दौरान पीएसी के अध्यक्ष अजय महावर ने कहा, “लोक लेखा समिति का दायित्व केवल रिपोर्टों की समीक्षा करना नहीं है, बल्कि जनहित में शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। आज जिन विषयों पर चर्चा की गई, वे सीधे आम लोगों के जीवन से जुड़े हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सीएजी रिपोर्ट में उठाई गई अनियमितताओं पर सार्थक चर्चा हो और सदन में एक ईमानदार रिपोर्ट पेश की जाए।”

इससे पहले, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि विधानसभा ने सीएजी द्वारा ऑडिट पैराग्राफों की प्रभावी निगरानी के लिए केंद्र सरकार के ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम (एपीएमएस) सॉफ्टवेयर का उपयोग करने का निर्णय लिया है।

विजेन्द्र गुप्ता ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) आशीष चंद्र वर्मा को एपीएमएस को क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।

इस संबंध में डॉ. वर्मा ने अतिरिक्त सचिव (व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय) परमा सेन को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार को एपीएमएस के उपयोग की अनुमति मांगी थी।

जवाब में सेन ने आश्वासन दिया कि दिल्ली सरकार अपनी स्वयं की प्रणाली विकसित होने तक केंद्र सरकार की एपीएमएस का उपयोग कर सकती है।

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