राज्य सरकार ने लगभग 23 वर्षों के बाद चिकित्सा क्षेत्र में तकनीशियन पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की भारी कमी को देखते हुए लिया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, आधुनिक मशीनरी की स्थापना के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों की आवश्यकता होती है और यह निर्णय गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में मदद करेगा।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) एवं अस्पताल शिमला में बीएससी (मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नीक), बीएससी (रेडियो एवं इमेजिंग), बीएससी (एनेस्थीसिया एवं ओटी टेक्नीक) जैसे पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सीटों की संख्या 10-10 से बढ़ाकर 50-50 कर दी गई है, जबकि बीएससी (मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नीक), बीएससी (रेडियोलॉजी एवं इमेजिंग) तथा बीएससी (एनेस्थीसिया एवं ओटी टेक्नीशियन) में सीटों की संख्या 18-18 से बढ़ाकर 50-50 कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि इस वृद्धि से राज्य के ज़्यादा युवाओं को स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिल सकेगा और दूसरे राज्यों के संस्थानों पर उनकी निर्भरता कम होगी। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पदों का सृजन और उन्हें भरने तथा नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए प्रशिक्षण के अवसरों का विस्तार करने में भी सक्रिय रूप से जुटी है।
Leave feedback about this