July 28, 2025
National

पीएम मोदी ने राजेंद्र चोल के नेक कामों का किया वर्णन, उनका संबोधन प्रेरणादायक : स्वामी सुरेशानंद

PM Modi described the noble deeds of Rajendra Chola, his speech was inspiring: Swami Sureshanand

गंगईकोंडा चोलपुरम में आदि तिरुवथिरई महोत्सव में प्रधानमंत्री मोदी के हिस्सा लेने पर चिन्मय मिशन के स्वामी सुरेशानंद ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि आज का दिन ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज न केवल राजेंद्र चोल की 1000वीं जयंती मनाई, बल्कि चोल सम्राट के महान और नेक कार्यों का वर्णन किया। ऐसी बातें जिनसे तमिलनाडु में जन्मे हम लोग भी अनभिज्ञ थे। यह सचमुच आश्चर्यजनक है कि भारत के एक सुदूर कोने में जन्मा कोई व्यक्ति राजेंद्र चोल के बारे में इतना कुछ जान सका और उन जानकारियों को हमारे साथ साझा कर सका।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने एक स्मारक सिक्का भी जारी किया, पवित्र ‘तिरुवासगम’ का अनावरण किया और ‘भगवद् गीता’ के तमिल अनुवादित संस्करण का लोकार्पण किया, जिसे चिन्मय मिशन द्वारा एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। इसके माध्यम से उन्होंने तमिलनाडु को बहुत सम्मान दिलाया है। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोग बेहद खुश थे। वास्तव में उनका भाषण अत्यंत प्रेरणादायक था और इसने उपस्थित सभी लोगों में गर्व और उत्साह की भावना जगाई। लंबे इंतजार के बावजूद सभी लोग संतुष्टि और खुशी के साथ चले गए।

स्वामी सुरेशानंद ने आगे कहा कि आदि तिरुवथिरई महोत्सव के लिए प्रधानमंत्री की गंगईकोंडा चोलपुरम यात्रा ने स्थानीय लोगों को गहराई से प्रभावित किया है। राजेंद्र चोल की 1000 साल पुरानी विरासत और दक्षिण-पूर्व एशिया और अंडमान द्वीप समूह सहित उनकी नौसैनिक विजयों पर प्रकाश डालते हुए और ‘चोल गंगम’ झील जैसी जल संरचना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने तमिल गौरव और भारत की प्राचीन समुद्री शक्ति, दोनों का सम्मान किया। उनके विस्तृत भाषण और स्मारक सिक्का जारी करने जैसे प्रतीकात्मक कार्यों ने श्रोताओं को भावुक और गौरवान्वित कर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के अरियालुर जिले में स्थित प्रतिष्ठित गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में दर्शन किए और चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती के अवसर पर पूजा-अर्चना की। राजेंद्र चोल प्रथम चोल साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक थे, जिनके शासनकाल में साम्राज्य का विस्तार दक्षिण-पूर्व एशिया तक हुआ।

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