नई दिल्ली, 19 फरवरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश में 12 चीतों के आने से भारत की वन्यजीव विविधता को बढ़ावा मिला है।
12 चीते शनिवार को पहुंचे और उन्हें श्योपुर जिले के कुनो नेशनल पार्क (केएनपी) में संगरोध बाड़ों में छोड़ दिया गया, पांच महीने बाद इनमें से आठ सबसे तेज जमीन वाले जानवरों के पहले जत्थे को एक अन्य अफ्रीकी देश नामीबिया से लाया गया था।
मध्य प्रदेश में चीतों के पहुंचने पर पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के एक ट्वीट को टैग करते हुए मोदी ने ट्विटर पर कहा, “इस विकास से भारत की वन्यजीव विविधता को बढ़ावा मिलता है।”
यादव ने शनिवार को अपने ट्वीट में कहा, “स्वागत है, पीएम श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में शुरू किया गया प्रोजेक्ट चीता आज कूनो नेशनल पार्क में एक और मील के पत्थर पर पहुंच गया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री @nstomar की उपस्थिति में 12 चीतों को छोड़ा।”
उनका अंतर-महाद्वीपीय स्थानान्तरण भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का हिस्सा है, जो इन जानवरों को विलुप्त होने के सात दशक बाद देश में फिर से पेश करने के लिए है। देश के आखिरी चीते की मृत्यु वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी और इस प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
इन 12 सदस्यों के साथ, केएनपी में चीतों की संख्या 20 हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से केएनपी में आठ बिल्ली के बच्चे छोड़े थे।
नामीबिया के चीता, पांच मादा और तीन नर, वर्तमान में जंगल में पूरी तरह से छोड़े जाने से पहले पार्क में शिकार बाड़े में हैं।
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