देहरादून, 14 दिसंबर । जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में टाइगर सफारी और पेड़ कटान मामले में सीबीआई पहले ही मुकदमा दर्ज कर चुकी है। अब ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड के वन अधिकारी की 32 करोड़ की प्रॉपर्टी को अटैच किया है।
कॉर्बेट नेशनल पार्क की पाखरो टाइगर सफारी निर्माण घोटाले मामले में आरोपी डीएफओ किशन चंद की संपत्तियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। ईडी की कार्रवाई के बाद सत्ता के गलियारों में हलचल मच गई है।
प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने पूर्व आईएफएस की 32 करोड़ की सम्पत्ति अटैच की है। किशन चंद ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से की गई कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि एजेंसी की तरफ से उनकी जो संपत्ति अटैच की गई है और उसका मूल्य जो बताया गया है, वह मौजूदा मार्केट वैल्यू के लिहाज से है। जबकि, उनके द्वारा यह संपत्ति सालों पहले ही मार्केट वैल्यू से काफी कम कीमत में ली गयी थी।
गौरतलब है कि पाखरो टाइगर निर्माण में धांधली व पेड़ कटान के मामले में किशन चंद जेल भी जा चुके हैं। इस मामले में 13 अक्टूबर को सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया। पूर्व वन मंत्री हरक सिंह से भी सीबीआई पूछताछ कर रही है। इसी बीच बुधवार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत तत्कालीन डीएफओ किशन चंद पर कार्रवाई की है।
जानकारी के अनुसार हरिद्वार जिले में एक स्कूल भवन और रुड़की स्थित एक स्टोन क्रशर प्लांट को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अटैच किया गया है, जिनका स्वामित्व आईएफएस किशन चंद और उनके परिवार के सदस्यों के पास है। ईडी ने आईएफएस अधिकारी किशन चंद की 31 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की संपत्ति को अटैच किया है।
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