January 19, 2025
National

विकसित भारत एंबेसडर : भारत में ऐसी शक्ति है कि वो दुनिया को रास्ता दिखा सकती है – श्री श्री रविशंकर

Vikas Bharat Ambassador: India has such power that it can show the way to the world – Sri Sri Ravi Shankar

नई दिल्ली, 14 अप्रैल । दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में आयोजित ‘विकसित भारत एंबेसडर’ कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म कभी कट्टरपंथ की ओर नहीं था। हम सबको अपनाने की कला शुरू से जानते थे। आज जब दुनिया युद्ध की कगार पर खड़ी है, भारत ही एक आशा की किरण बनकर निकला है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन के बीच जो द्धंद था, ऐसे में दोनों पक्ष की तरफ से दबाव था कि आप हमारे साथ हैं या नहीं। इस प्रकार का सवाल पूछकर हमको दरकिनार करने की चेष्टा कर रहे थे, उस वक्त दृढ़ता से खड़े होकर के हम सबके साथ वह रहे। अगर भारत मजबूती से खड़ा नहीं होता तो हमारे देश का आर्थिक विकास बहुत पीछे रह जाता। जैसे कई देशों में हो चुका है। हमारे संविधान में रामायण, महाभारत, भगवान शिव का भी चित्र है। लेकिन, कई दशकों से यह हो गया था कि हम अपनी ही मूल जड़ को भूल बैठे थे और नजर अंदाज कर चले थे।

उन्होंने कहा कि भारत महान है, यहां की प्रजा भी महान है। भारत में ऐसी शक्ति है कि वो दुनिया को रास्ता दिखा सकती है, भारत विश्व गुरु है। लेकिन, वो गुरु अभी छिपे हुए हैं, उन्हें बाहर लाना है। इस दशक में भारत ने जो प्रगति की है इसकी कल्पना पहले हम कर भी नहीं सकते थे। अभी और प्रगति करनी है इसके लिए हम सबको इसमें भागीदार बनना होगा।

श्री श्री ने आगे कहा, “भारत में पहले बहुत समस्याएं भी थीं, पूजा-पाठ भी लोग खूब करते थे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बड़ी शिव भक्त थी। आठ घंटे एक ही आसन में बैठकर रुद्री पाठ और चंडी पाठ दोनों सुनती थीं। उनमें श्रद्धा थी, मगर कभी अपने घर के अंदर नहीं करती थीं। कमलापति त्रिपाठी एक मंत्री थे, उनके घर में करती थीं। उनको लगता था कि बाकी लोग यह देखकर क्या सोचेंगे, क्या होगा। मुझे भी एक बार निमंत्रण मिला था। आधे घंटे के लिए मैं गया था, बहुत बड़ी व्यवस्था की गई थी। काशी विश्‍वनाथ की बड़ी भक्त थीं। मगर आज काशी विश्‍वनाथ मंदिर जाकर देखो, हमें 70 साल क्यों लगे? जब देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शिवजी को मानती थीं, तो बाहर जाकर पूजा क्यों करती थीं। वह काशी विश्‍वनाथ भी जाती थीं।”

उन्‍होंने कहा, “हमने सुना है कि महात्मा गांधी ने भी कहा था, मुझे दुख हो रहा है काशी की व्यवस्था देखकर। आज आप देखकर वहां कहोगे काशी विश्‍वनाथ विराजमान हुए हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं गर्व से कह सकता हूं, देश की व्यवस्था में वो परिवर्तन आया है, जिसमें हम अपनी आस्था को आगे लेकर जा सकते हैं। कुछ दशक से पहले खुलेआम चोरी करो और छुप-छुपके धर्म को मानो। पूजा पाठ करने और तिलक लगाने में शर्मिंदा होते थे। सिर्फ तमिलनाडु में आज लोग भभूति लगाकर ऑफिस जाते हैं। तमिल संस्कृति इतनी विशाल संस्कृति रही है। हमारे प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु को काफी महत्व दिया है। तमिल चार देश की राष्ट्रीय भाषा घोषित हुई है। मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और भारत। आप नहीं जानते होंगे कि जापानी लैंग्वेज में 70 प्रतिशत तमिल भाषा है।”

श्री श्री ने कहा, “धर्म और आस्था पर हमें गर्व होना चाहिए। अच्छे गुणों को हमें बढ़ाना चाहिए और गलत कामों पर शर्मिदा होना चाहिए। विकसित भारत एंबेसडर कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा के गौतमबुद्ध से सांसद और भाजपा उम्मीदवार डॉ. महेश शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि देखिए, जब आजादी के 100 वर्ष हम 2047 में पूरे कर रहे होंगे तो पीएम मोदी ने जो संकल्प लिया है, हम विकासशील देश नहीं विकसित देश रहेंगे।”

उन्होंने कहा कि उस संकल्प के लिए श्री श्री के नेतृत्व में जो कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित किए जा रहे हैं, संकल्प लिए जा रहे हैं। इससे जो युवाओं को प्रोत्साहन मिल रहा है। ऐसे में श्रीश्री के आदेश को लेकर 30-40 करोड़ देशवासी प्रधानमंत्री मोदी के सपनों को पूरा करेंगे। “मैं इसके लिए श्री श्री जी और उनकी पूरी टीम को साधुवाद देता हूं।”

उन्होंने कहा, “देखिए हमारा संकल्प था कि आज से सौ साल पहले नरेंद्र स्वामी विवेकानंद ने जो कहा था, जो संकल्प लिया था। आज वह संकल्प पूरा होता नजर आ रहा है। मेरा देश सोने की चिड़िया, मेरा देश विश्‍व गुरु, मेरा देश एक विकसित राष्ट्र आज वह संकल्प पीएम नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं। श्री श्री के आशीर्वाद से एंबेसडर तैयार किए जा रहे हैं जो विकसित भारत के संकल्प को पूरा करेंगे।”

श्री श्री ने कहा कि भाजपा की तरफ से आज जो संकल्प पत्र जारी किया गया है, उसके बाद कोई भी पार्टी इस स्थिति में नहीं है कि वह कुछ कहे। संकल्प पत्र में जो एक विकसित भारत का नक्शा दिखाया गया है, उसको लेकर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा गया कि 2029 के बाद क्या तो उन्होंने कहा कि “मैं तो 2047 तक की बात कर रहा हूं। आप 2029 पर कहां ठहर गए।”

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