पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों को मरणोपरांत शहीद का दर्जा देने की मांग की गई है।
हाईकोर्ट के अधिवक्ता आयुष आहूजा द्वारा जनहित में दायर याचिका में केंद्र और प्रधानमंत्री कार्यालय को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे मृतक को आधिकारिक तौर पर ‘शहीद’ की उपाधि प्रदान करें। आहूजा ने कहा है कि पीड़ितों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित कर उनकी मूर्तियाँ लगाई जानी चाहिए।
याचिकाकर्ता ने पर्यटकों की स्मृति को सम्मान देने के लिए हमला स्थल का नाम बदलकर “यादगार शहीद/शहीद हिंदू घाटी पर्यटन स्थल” रखने की घोषणा की मांग की
घटना का जिक्र करते हुए आहूजा ने कहा कि पर्यटक कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले रहे थे, तभी आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर उनकी पहचान करके उन्हें बेरहमी से गोली मार दी। आहूजा ने कहा कि पहचान से न केवल शोक संतप्त परिवारों को सांत्वना मिलेगी, बल्कि राष्ट्र की ओर से सामूहिक श्रद्धांजलि भी मिलेगी क्योंकि उनकी यादें 140 करोड़ भारतीयों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी।
उन्होंने तर्क दिया कि अदालत के लिए कानूनी प्रश्न यह था: “क्या आतंकवाद के शिकार निर्दोष नागरिकों को उनके बलिदान के सम्मान में ‘शहीद’ का आधिकारिक दर्जा दिया जा सकता है।”