N1Live Haryana जल दुरुपयोग पर कार्रवाई, अवैध कनेक्शनों की पहचान के लिए टीमें गठित
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जल दुरुपयोग पर कार्रवाई, अवैध कनेक्शनों की पहचान के लिए टीमें गठित

Action on water misuse, teams formed to identify illegal connections

पीने के पानी की लगातार कमी के बीच, जिला प्रशासन ने पानी के दुरुपयोग पर नकेल कसने के लिए अभियान शुरू किया है। लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) और स्वच्छता सहायक संगठन ने ब्लॉक स्तर पर निरीक्षण दल गठित किए हैं, जिनका उद्देश्य अवैध जल कनेक्शनों की पहचान कर उन्हें काटना और पीने के पानी की बर्बादी पर नज़र रखना है।

ये टीमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण करेंगी, तथा इनका ध्यान बड़े जल उपयोगकर्ताओं जैसे होटल, रेस्तरां और वाशिंग स्टेशनों पर रहेगा।

पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता एसपी जोशी ने बताया कि गर्मी के महीनों में समान जलापूर्ति सुनिश्चित करने और पानी की बर्बादी रोकने के लिए यह अभियान चलाया गया है। निरीक्षण दल में उपखंड अभियंता, कनिष्ठ अभियंता और अन्य कर्मचारी शामिल हैं।

उन्होंने कहा, “जहां अवैध जल कनेक्शन पाए जाते हैं, उन्हें तुरंत काट दिया जाएगा या आवश्यकता पड़ने पर वाणिज्यिक श्रेणियों में पुनर्वर्गीकृत किया जाएगा। जो उपभोक्ता पानी की बर्बादी करते पाए जाएंगे – इसे खुले में बहने देकर – उन्हें नोटिस दिया जाएगा और कनेक्शन भी काटा जा सकता है। सार्वजनिक क्षेत्रों में पानी के रिसाव की किसी भी शिकायत का तुरंत समाधान किया जाएगा। अधिकारियों ने निवासियों से अपने बकाया पानी के बिलों का समय पर भुगतान करने का भी आग्रह किया है।”

अभियान की शुरूआत नारनौल शहर से की गई, जहां उपमंडल अभियंता मुकेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने सिंघाना रोड पर निरीक्षण किया। टीम के सदस्यों में जेई अभिषेक, सुपरवाइजर संजय, बीआरसी इंद्रजीत और फिटर महिपाल, भूपसिंह और शेखर शामिल थे।

निरीक्षण के दौरान होटलों और वाशिंग स्टेशनों पर पानी का उपयोग करने वालों को पानी का बिल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। मुकेश कुमार ने जोर देकर कहा कि उपभोक्ताओं को अपने पानी के कनेक्शन नियमित कराने चाहिए, साथ ही चेतावनी दी कि अवैध कनेक्शनों को बिना देरी के काट दिया जाएगा।

नारनौल ब्लॉक में दो, निजामपुर में दो तथा नांगल चौधरी, अटेली, कनीना, महेंद्रगढ़ और सतनाली में एक-एक टीम गठित की गई है। ये टीमें गांवों और कस्बों में निरीक्षण करेंगी, जिसमें होटल, रेस्टोरेंट, वाशिंग सेंटर, निजी स्कूल, पार्क, सामुदायिक भवन और आवास जैसे स्थानों को शामिल किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पानी के कनेक्शन वैध हैं और उनका दुरुपयोग नहीं हो रहा है।

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