January 20, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ को क्लीन और ग्रीन बनाने में जुटे अदाणी और इस्कॉन

Adani and ISKCON engaged in making Mahakumbh clean and green

महाकुंभ नगर, 20 जनवरी । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में जहां करोड़ों श्रद्धालु अपनी आस्था को साकार कर रहे हैं, वहीं अदाणी ग्रुप और इस्कॉन ने इसे एक ग्रीन और क्लीन महाकुंभ में बदलने का संकल्प लिया है।

ग्रीन एनर्जी और पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी अदाणी ग्रुप इस्कॉन के साथ मिलकर हर पहलू में स्थायित्व, स्वच्छता और सामुदायिक भागीदारी की मिसाल पेश कर रहा है। यह पहल न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रही है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता और स्थानीय व्यापार को सशक्त करने का एक अद्भुत प्रयास भी है।

महाकुंभ 2025 में अदाणी और इस्कॉन की यह पहल पर्यावरण संरक्षण, सामुदायिक भागीदारी और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है।

अदाणी और इस्कॉन ने प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालुओं को महाप्रसाद वितरित करने का लक्ष्य रखा है। यह कार्यक्रम पूरी तरह से ग्रीन एनर्जी और पर्यावरण-अनुकूल तरीकों का पालन करते हुए संचालित हो रहा है। खाना बनाने और परोसने में प्लास्टिक या पॉलिथीन का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। भोजन पत्तलों में परोसा जाता है, जो ऑर्गेनिक और पर्यावरण-अनुकूल हैं। प्रतिदिन तीन विशाल रसोईघरों में 450 क्विंटल सब्जियों का उपयोग किया जा रहा है, जो स्थानीय वेंडर्स से खरीदी जाती हैं।

महाकुंभ में अदाणी-इस्कॉन की पहल ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान की है। महिला वेंडर्स को प्राथमिकता देते हुए, प्रतिदिन बड़ी मात्रा में सब्जियों और अन्य सामग्री की खरीदारी की जाती है। खाना पकाने के लिए एलपीजी के साथ गाय के गोबर से बने उपलों का भी उपयोग किया जा रहा है। यह न केवल पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों को पुनर्जीवित करता है, बल्कि स्थानीय विक्रेताओं को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है।

अदाणी ग्रुप ने महाकुंभ स्थल पर ग्रीन गॉल्फ कार्ट सेवा शुरू की है। बैटरी से चलने वाले ये गॉल्फ कार्ट सुबह 6 बजे से देर रात तक निःशुल्क सेवा प्रदान कर रहे हैं। बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह सेवा बेहद लाभकारी साबित हो रही है। यह पहल पर्यावरण-अनुकूल परिवहन का आदर्श उदाहरण है।

महाकुंभ में ग्रीन फूड और क्लीन फूड की अवधारणा को अपनाया गया है। खाना बनाने और परोसने में पूरी तरह से ऑर्गेनिक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। प्रतिदिन तीन लाख पत्तलों का उपयोग किया जाता है, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं। खाना पकाने के लिए भी ग्रीन ईंधन का उपयोग किया जा रहा है।

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