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अधीर रंजन चौधरी ने वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति को लिखा पत्र

Adhir Ranjan Chowdhury writes to President to extend last date for registration of Waqf properties

कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने एक बार फिर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से जुड़ा गंभीर मुद्दा उठाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वक्फ संपत्तियों को ‘उम्मीद’ पोर्टल पर रजिस्टर करने की समयसीमा बढ़ाई जाए, क्योंकि पश्चिम बंगाल इस समय भारी परेशानियों से जूझ रहा है।

अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में देश की सबसे अधिक संख्या में (1.5 लाख से ज्यादा) वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं। इनमें से ज्यादातर संपत्तियों के पास ऐतिहासिक दस्तावेज अधूरे या अनुपलब्ध हैं, जिसके कारण तय समय-सीमा के भीतर सभी संपत्तियों का पंजीकरण करना लगभग असंभव हो गया है। उन्होंने कहा कि यह समस्या पश्चिम बंगाल में अन्य राज्यों की तुलना में कहीं अधिक गंभीर है।

अपने पत्र में चौधरी ने विस्तार से बताया कि वक्फ संपत्तियां मुख्य रूप से धार्मिक-सामाजिक गतिविधियों, शिक्षा और कब्रिस्तानों के रूप में उपयोग होती हैं। इन संपत्तियों को समुदाय के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि दस्तावेजों की कमी किसी की लापरवाही नहीं, बल्कि इन संपत्तियों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रकृति का परिणाम है।

उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड के सदस्यों और संपत्ति प्रबंधकों के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि पर्याप्त कागजी सबूत न होने के कारण पंजीकरण मानकों को समय पर पूरा करना मुश्किल हो रहा है।

चौधरी ने यह भी कहा कि अन्य राज्यों में जहां पंजीकरण अपेक्षाकृत सरलता से हो रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल में स्थिति बिल्कुल अलग है। यहां की संरचनात्मक चुनौतियां और दस्तावेजी कमी अधिक गहरी है, इसलिए राज्य को विशेष राहत मिलनी चाहिए।

उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि पंजीकरण की अंतिम तिथि तब तक बढ़ाई जाए, जब तक पश्चिम बंगाल की हर वक्फ संपत्ति ‘उम्मीद’ पोर्टल पर दर्ज न हो जाए।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि राष्ट्रपति इस गंभीर मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाते हुए राज्य के हित में समयसीमा बढ़ाने का निर्णय लेंगी।

उन्होंने इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री को भी पत्र लिखकर समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था।

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