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‘आप’ और कांग्रेस के बाद अब भाजपा ने बिजली मुद्दे पर जनता को साधा

After 'AAP' and Congress, now BJP addresses the public on electricity issue

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के गरीबों को महंगी बिजली की मार से बचाने के लिए विशेष पहल की है। यहां पर गरीबी रेखा (बीपीएल धारकों) से नीचे व्यक्तियों को करीब आधे दर पर बिजली उपलब्ध कराने की शुरुआत की गई है। उत्तर प्रदेश 2027 विधानसभा चुनाव से पहले इस फैसले को मास्टर स्ट्रोक की तरह देखा जा रहा है।

पिछले कुछ सालों से हाल-फिलहाल जिन-जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं, वहां पर बिजली का महंगे बिल एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा हैा। इसलिए तमाम पार्टियों के चुनावी एजेंडे में इस मुद्दे को प्रमुखता से जगह दी जाती रही है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली वासियों को 200 यूनिट फ्री बिजली देकर इस मुद्दे को राजनीति की मुख्यधारा में ला दिया है। इसके बाद ‘आप’ शासित पंजाब में भी मुफ्त बिजली बिल योजना की घोषणा की गई।

हाल ही में हरियाणा में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से अपने एजेंडे में रखा था। दक्षिण भारतीय कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक में भी उपभोक्ताओं को 200 यूनिट फ्री बिजली दी जा रही है।

केंद्र की भाजपा सरकार भी हाल ही देश के एक करोड़ परिवारों के घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने की योजना लाई थी। इसमें केंद्र सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को 40 प्रतिशत तक भारी-भरकम सब्सिडी भी दी जा रही है।। दावा किया जा रहा है कि इस योजना से आम आदमी के खर्च में 2,000 से 3,000 रुपए तक की मासिक बचत होगी।

बिजली दर में जनता को राहत देने की श्रेणी में अब यूपी सरकार की भी एंट्री हो गई है। प्रदेश में अभी औसत आपूर्ति लागत 7.86 रुपये प्रति यूनिट है। वहीं बीपीएल धारकों को ये बिजली तीन रुपए प्रति यूनिट की दर से मुहैया कराने का फैसला किया गया है और बाकी का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। इसके अलावा किसानों के सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली का भी प्रावधान रखा गया है। माना जा रहा है कि यूपी सरकार के इस फैसले से प्रदेश के खजाने में करीब 10,067 करोड़ रुपए के भारी-भरकम राजस्व का अंतर पड़ेगा। माना जाना जा रहा है कि विधानसभा-2027 से पहले भाजपा सरकार का ये मास्टर स्ट्रोक है, जो चुनाव में बड़ा अंतर ला सकता है।

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