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माकपा के बाद ममता के भी 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने की संभावना नहीं

After CPI(M), Mamata is also unlikely to attend the inauguration of Ram temple on January 22.

कोलकाता, 28  दिसंबर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शायद 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल नहीं होंगी।

हालांकि, मुख्यमंत्री ने इस आशय की कोई घोषणा नहीं की है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने बुधवार को एक बयान देकर न केवल मुख्यमंत्री, बल्कि पार्टी के किसी भी नेता के मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने की संभावना से इनकार कर दिया।

जब पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री 22 जनवरी को अयोध्‍या में होने वाले कार्यक्रम में जाएंगी, तो घोष ने मीडियाकर्मियों से कहा, ”मुझे नहीं पता कि उन्‍हें निमंत्रण आया है या नहीं, लेकिन मैं इतना जरूर जानता हूं कि मंदिर उद्घाटन में उनके शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता।”

घोष ने यह भी कहा कि हालांकि तृणमूल प्रमुख भगवान राम की बहुत श्रद्धा से पूजा करती हैं, लेकिन पार्टी अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए भगवान राम के बारे में लोगों की भावनाओं का फायदा उठाने की भाजपा की रणनीति का समर्थन नहीं करती।

घोष ने कहा, “भाजपा लोगों की भावनाओं का फायदा उठाकर आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी नैया पार लगाने की कोशिश कर रही है। लेकिन हम उनके इस रुख का समर्थन नहीं करते।”

मंगलवार को मार्क्‍सवादी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी पोलित ब्यूरो ने एक बयान जारी कर घोषणा की थी कि पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।

बयान में कहा गया था, “माकपा महासचिव कॉमरेड सीताराम येचुरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। पार्टी की नीति धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करना और प्रत्येक व्यक्ति के अपने विश्‍वास को आगे बढ़ाने के अधिकारों की रक्षा करना रही है।

बयान में कहा गया है, “पार्टी मानती है कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद है, जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में नहीं बदला जाना चाहिए। इसलिए, हम समारोह में शामिल नहीं होंगे

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