N1Live National चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद पीएम मोदी जाएंगे कन्याकुमारी, विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर करेंगे ध्यान
National

चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद पीएम मोदी जाएंगे कन्याकुमारी, विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर करेंगे ध्यान

After the election campaign is over, PM Modi will go to Kanyakumari, will meditate on Vivekananda Rock Memorial

नई दिल्ली, 28 मई । लोकसभा चुनाव के आखिरी और सातवें चरण के लिए 1 एक जून को मतदान होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम चरण के मतदान से पहले कन्याकुमारी के दौरे पर जा सकते है। जहां वह विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान साधना कर सकते हैं।

खबरों के अनुसार, पीएम मोदी लोकसभा चुनाव अभियान के समापन के बाद 30 मई की शाम को कन्याकुमारी पहुंचेंगे। इसके बाद वह विवेकानंद रॉक मेमोरियल जा सकते हैं। 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक पीएम मोदी ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे। इसी स्थान पर स्वामी विवेकानंद ने भी ध्यान किया था।

कन्याकुमारी वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद को भारत माता के दर्शन हुए थे। इसी शिला का स्वामी विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा था। लोगों का मानना है कि जैसे सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, वैसे ही यह चट्टान स्वामी विवेकानंद के जीवन में भी वैसा ही खास स्थान रखता है। स्वामी विवेकानंद देश भर में घूमने के बाद यहां पहुंचे और तीन दिनों तक ध्यान किया और ‘विकसित भारत’ का सपना देखा था।

स्वामी विवेकानंद के ध्यान स्थल पर पीएम मोदी का पहुंचकर ध्यान करने की योजना ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को जीवन में उतारने के प्रति पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह वही स्थान है, जहां धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी पार्वती ने एक पैर पर बैठकर भगवान शिव की प्रतीक्षा की थी।

यह भारत का सबसे दक्षिणी छोर है। इसके अलावा, यह वही स्थान है, जहां भारत की पूर्वी और पश्चिमी तट रेखाएं मिलती हैं। यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है। पीएम मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत देना चाहते हैं।

यह तमिलनाडु के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की गहरी प्रतिबद्धता और प्रेम को भी दर्शाता है कि वह चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य का दौरा कर रहे हैं। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब पीएम मोदी चुनाव समापन के बाद किसी खास स्थान पर ध्यान लगाने जा रहे हों। इससे पहले साल 2019 के लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद पीएम मोदी देवभूमि उत्तराखंड के केदारधाम के दौरे पर गए थे, यहां उन्होंने पास स्थित रूद्र गुफा में ध्यान किया था।

नरेंद्र मोदी का स्वामी विवेकानंद से कितना लगाव रहा है या वह उनसे कितनी प्रेरणा लेते रहे हैं, इसके बारे में आप इन कुछ उद्धरण को समझेंगे तो आपको पता चल जाएगा।

1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में भाषण दिया था। उसको लेकर पीएम मोदी कई बार विभिन्न मंचों से चर्चा करते रहे हैं कि कैसे विवेकानंद ने पश्चिमी दुनिया को अद्वैतवाद समझाया।

पीएम मोदी यह भी बताते रहे हैं कि स्वामी विवेकानंद का उनके युवा मन पर गहरा प्रभाव पड़ा, जिससे उन्हें अपना जीवन सेवा के लिए समर्पित करने की प्रेरणा मिली। उनको भी अपने आंतरिक खोज की यात्रा रामकृष्ण मिशन से शुरू करने का अवसर मिला, जहां वह साधु-संतों के साथ रहते थे। अपने प्रवास के दौरान उन्हें विवेकानंद के कक्ष में समय बिताने का भी अवसर मिला।

जहां उन्होंने अपनी डायरी में स्वामी विवेकानंद के कई उद्धरण एकत्र किए। वह नियमित रूप से युवाओं के साथ हिंदू भिक्षु के दर्शन और योगदान पर भी वहां चर्चा करते थे।

1991 में कन्याकुमारी से शुरू हुई भाजपा की ‘एकता यात्रा’ के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश दिया गया। पीएम मोदी को इस 45 दिवसीय यात्रा के आयोजन की बड़ी जिम्मेदारी दी गई। 1993 में उन्हें विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के 1893 के भाषण के शताब्दी समारोह के लिए वाशिंगटन डीसी में ग्लोबल विजन 2000 सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। जिसमें 60 देशों के 10,000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वहीं, नरेंद्र मोदी ने विवेकानंद के शिकागो भाषण शताब्दी वर्ष के दौरान एक युवा सम्मेलन की मेजबानी की थी।

नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय गौरव को जगाने के प्रयासों पर स्वामी विवेकानंद के दार्शनिक प्रभावों का गहरा असर नजर आता है। वह अपनी विदेश यात्राओं के दौरान अपने साथ विवेकानंद का संदेश भी लेकर गए हैं।

स्वामी विवेकानंद के 1893 के विश्व धर्म शिखर सम्मेलन में दिए गए भाषण को संकलित कर तैयार की गई दुर्लभ किताब राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पीएम नरेंद्र मोदी को उपहार में दी थी।

Exit mobile version