राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित करने के फैसले के बाद पानीपत के निर्यातकों ने राहत की सांस ली है। निर्यातकों का कहना है कि अमेरिका के इस ताजा फैसले से उन्हें 3,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर आसानी से शिप करने में मदद मिलेगी।
ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिससे निर्यातक अपने व्यापार के भविष्य को लेकर चिंतित और अनिश्चित हो गए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति के पारस्परिक शुल्क का प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दे रहा है क्योंकि विदेशी खरीदार, विशेष रूप से अमेरिका के खरीदार, ऑर्डर रद्द करने या होल्ड पर रखने लगे हैं। यहां तक कि निर्यातकों को खरीदारों से 15-20 प्रतिशत छूट की मांग करने वाले मेल भी मिले हैं।
विश्व स्तर पर ‘वस्त्र नगरी’ के रूप में विख्यात पानीपत का निर्यात 18,000 करोड़ रुपये है, जिसमें से लगभग 60 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को होता है।
पानीपत के 400 से ज़्यादा निर्यातक कालीन, बाथ मैट, फ्लोर टॉप आइटम, कुशन, कुशन कवर, बेड कवर, गलीचे और दूसरे उत्पाद अमेरिका में वॉलमार्ट, टारगेट, कॉस्टको, क्रोगर और दूसरे बड़े स्टोर्स को करीब 10,000 करोड़ रुपए के निर्यात करते हैं। टैरिफ गुरुवार से लागू होने थे, लेकिन ट्रंप ने 90 दिन की मोहलत दे दी, जिसके बाद निर्यातकों को तुरंत राहत मिल गई।
निर्यातक राकेश जैन ने कहा कि पानीपत के निर्यातकों के लिए यह बड़ी राहत की बात है क्योंकि पाइपलाइन में जो ऑर्डर थे, उन्हें 90 दिनों के भीतर भेज दिया जाएगा। भारत सरकार भी इस स्थिति को लेकर बहुत गंभीर है।
जैन ने पानीपत एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अशोक गुप्ता के साथ इस मुद्दे पर बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की।
हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एचसीसीआई) के पानीपत चैप्टर के चेयरमैन विनोद धमीजा ने बताया कि निर्यातकों को ऑर्डर रोकने या उत्पादन रोकने और यहां तक कि ऑर्डर रद्द करने के बारे में मेल मिल रहे हैं। धमीजा ने बताया कि खरीदार 15 से 20 फीसदी की छूट की मांग भी करने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि, पारस्परिक टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक की नई घोषणा के साथ, निर्यातक अनुकूल स्थिति का अधिकतम लाभ उठा रहे हैं तथा अपने पास मौजूद तथा अंतिम चरण में पहुंचे ऑर्डरों को क्रियान्वित कर रहे हैं।
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