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कृषि मंत्री ने पालमपुर में मवेशियों के लिए आईवीएफ लैब का उद्घाटन किया

Agriculture Minister inaugurates IVF lab for cattle in Palampur

कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार चौधरी ने पालमपुर में इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पालमपुर में पशुपालन परिसर के परिसर में इस प्रयोगशाला की स्थापना के लिए 1.91 लाख रुपये की धनराशि दी है।

इस अवसर पर मंगलवार को बोलते हुए चंद्र कुमार ने कहा, “देशी मवेशी संकर नस्ल के मवेशियों के मुकाबले स्थानीय वातावरण में बहुत आसानी से ढल जाते हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार अब दूध उत्पादन के लिए देशी मवेशियों को बढ़ावा देगी, हालांकि संकर नस्ल के मवेशियों का दूध उत्पादन अधिक माना जाता है।”

उन्होंने कहा, “चूंकि दूध देने वाले देशी मवेशियों की संख्या कम है, इसलिए राज्य सरकार ने ऐसे मवेशियों की आबादी बढ़ाने के लिए ओवम पिक-अप और इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (ओपीयू-आईवीएफ) तकनीक अपनाने का फैसला किया है। हमें इन नस्लों को बढ़ावा देने की जरूरत है क्योंकि इससे छोटे किसानों को अतिरिक्त आय होगी और साथ ही नागरिकों को अच्छी गुणवत्ता वाला दूध मिलेगा।”

मंत्री ने कहा, “आईवीएफ तकनीक दूध उत्पादन के लिए देशी मवेशियों की आबादी बढ़ाने के लिए वरदान साबित होगी। वर्तमान में आईवीएफ तकनीक थोड़ी महंगी है, लेकिन गायों की संख्या बढ़ने पर यह तकनीक सस्ती हो जाएगी और किसान इसे मामूली लागत पर अपना सकेंगे।”

मंत्री ने पशु चिकित्सा वैज्ञानिकों से कहा कि वे इस तकनीक को प्रयोगशालाओं तक सीमित रखने के बजाय इसे किसानों तक ले जाएं, ताकि इसे प्रदेश में और अधिक लोकप्रिय बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दूध पड़ोसी राज्यों से खरीदा जा रहा है। पशु चिकित्सा विशेषज्ञों को प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से प्रयास करने चाहिए। उन्हें हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय से भी तकनीकी सहयोग लेना चाहिए।

इस अवसर पर स्थानीय विधायक आशीष बुटेल ने पालमपुर में प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए मंत्री का धन्यवाद किया।

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