कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने पिछली भाजपा सरकार के दौरान धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएचपी) के उत्तरी परिसर की वकालत नहीं की थी।
बात करते हुए कुमार ने कहा कि शांता कुमार ने दावा किया है कि उत्तरी परिसर की स्थापना में देरी राज्य द्वारा वन भूमि हस्तांतरण के लिए 30 करोड़ रुपये जमा नहीं करने के कारण हुई, जबकि पूर्व भाजपा नेता अपनी पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान इस मुद्दे को संबोधित करने में विफल रहे। कुमार ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने धर्मशाला परिसर के लिए आवश्यक वन मंजूरी प्राप्त करने में बाधाएँ पैदा की थीं, भले ही ठाकुर ने देहरा में दक्षिण परिसर के लिए वन मंजूरी को सफलतापूर्वक सुगम बनाया था।
उन्होंने कहा कि शांता कुमार उस समय इस मामले पर चुप रहे और अब कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद ही इस मुद्दे को उठा रहे हैं। चंद्र कुमार ने कहा कि कांगड़ा में सीयूएचपी, मंडी में आईआईटी और सिरमौर में आईआईएम जैसी प्रमुख शैक्षणिक परियोजनाएं यूपीए-2 सरकार के दौरान मंजूर की गई थीं।