मंडी, 28 मई सांसद प्रज्वल रेवन्ना के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने आज यह जानना चाहा कि कर्नाटक के सांसद कहां हैं और सरकार ने उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की है।
यहां मीडिया को संबोधित करते हुए लांबा ने सवाल किया कि केंद्र सरकार भाजपा की सहयोगी पार्टी के सदस्य और ‘सामूहिक बलात्कारी’ रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई करने में क्यों विफल रही, जो कथित तौर पर जर्मनी में है।
लांबा ने आरोप लगाया कि रेवन्ना ने सैकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कार किया, उनकी हरकतों को फिल्माया और फुटेज का इस्तेमाल पीड़ितों को ब्लैकमेल करने के लिए किया। इन गंभीर आरोपों के बावजूद, उन्होंने रेवन्ना को न्याय के कटघरे में लाने और उनका पासपोर्ट रद्द करने के लिए प्रधानमंत्री और उनकी सरकार की ओर से कोई पहल न किए जाने पर दुख जताया।
कांग्रेस नेता ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान रेवन्ना का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की। लांबा ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण के कथित दुर्व्यवहार सहित इसी तरह के मामलों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी चिंता जताई।
भाजपा के प्रमुख लोगों पर निशाना साधते हुए लांबा ने मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की इस मुद्दे पर चुप्पी पर भी निशाना साधा तथा उनसे रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई के आह्वान में शामिल होने का आग्रह किया।
इस अवसर पर लांबा ने ‘मोदी का परिवार, भारतीय जनता पार्टी’ नामक एक पोस्टर का अनावरण किया, जिसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों से जुड़े बलात्कार के आरोपी नेताओं की तस्वीरें थीं।
लांबा ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भी पीएम मोदी पर हमला किया, खासकर चीन के साथ गलवान संघर्ष पर उनकी प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए। उन्होंने कहा कि हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान में सैनिकों के बलिदान के बावजूद, पीएम मोदी ने यह कहकर चीन को क्लीन चिट दे दी कि उसने जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की।
लांबा ने भाजपा सरकार पर अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और किसान कल्याण सहित कई मोर्चों पर विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने वादा किया कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो वह घरेलू हिंसा का सामना कर रही महिलाओं को राहत, रोजगार सृजन की पहल और किसानों को सहायता सहित अनेक सुधार लाएगी।
लांबा ने “पीएम मोदी की ध्यान भटकाने वाली रणनीति” की निंदा करते हुए उन पर देश के सामने मौजूद ज्वलंत मुद्दों की अनदेखी करते हुए तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने राज्य सरकारों को अस्थिर करने में कथित भूमिका के लिए भाजपा की भी आलोचना की और कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद अग्निवीर योजना जैसी विवादास्पद नीतियों को पलटने की कसम खाई।