July 19, 2025
World

अमेरिका: तुलसी गबार्ड का दावा, ‘ओबामा ने रची थी ट्रंप को सत्ता से हटाने की साजिश’

America: Tulsi Gabbard claims, ‘Obama had conspired to remove Trump from power’

 

वाशिंगटन, अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके प्रशासन के वरिष्ठ सदस्यों पर मुकदमा चलाने की मांग की है।

डीएनआई ने ओबामा पर साल 2016 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत को नुकसान पहुंचाने और बाद में उनके राष्ट्रपति पद के कार्यकाल को कमजोर करने के लिए मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया है।

तुलसी गबार्ड ने ‘एक्स’ पर लिखा, “ओबामा का मकसद राष्ट्रपति ट्रंप को सत्ता से हटाना और अमेरिकी जनता की इच्छा को कुचलना था। चाहे वह कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, इस साजिश में शामिल हर शख्स की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए। कानून के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की विश्वसनीयता इसी पर निर्भर करती है। हम आपराधिक जांच के लिए सभी दस्तावेज न्याय विभाग (डीओजे) को सौंप रहे हैं।”

राष्ट्रीय खुफिया निदेशक की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि शुक्रवार को, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड ने सबूत पेश किए, जिसमें बताया गया कि कैसे राष्ट्रपति ट्रंप के हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ 2016 का चुनाव जीतने के बाद, ओबामा और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के सदस्यों ने जानबूझकर खुफिया सूचनाओं को गढ़ा और राजनीतिक रूप दिया, ताकि राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ तख्तापलट जैसी साजिश की नींव रखी जा सके।

नवंबर 2016 के चुनाव से पहले, इंटेलिजेंस कम्युनिटी (आईसी) ने यह आकलन किया कि रूस संभवत: साइबर साधनों का उपयोग करके चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश नहीं कर रहा है।

2016 के चुनाव के बाद, 7 दिसंबर 2016 को, तत्कालीन राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) जेम्स क्लैपर के लिए तैयार किए गए टॉकिंग पॉइंट्स में स्पष्ट रूप से कहा गया था, “विदेशी दुश्मनों ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को बदलने के लिए चुनावी बुनियादी ढांचे पर साइबर हमले नहीं किए।”

इसके दो दिन बाद, 9 दिसंबर 2016 को तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ‘व्हाइट हाउस’ में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के शीर्ष सदस्य शामिल थे। इस बैठक में जेम्स क्लैपर, जॉन ब्रेनन, सुसान राइस, जॉन केरी, लोरेटा लिंच, एंड्रयू मैकेब और अन्य प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। बैठक का उद्देश्य रूस से संबंधित स्थिति पर चर्चा करना था।

बैठक के बाद, जेम्स क्लैपर के एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट ने आईसी के नेताओं को एक ई-मेल भेजा, जिसमें निर्देश दिया गया कि वह राष्ट्रपति ओबामा के अनुरोध पर एक नया इंटेलिजेंस कम्युनिटी असेसमेंट तैयार करें। इस रिपोर्ट में विस्तार से बताया जाना था कि “मास्को ने 2016 के चुनाव को प्रभावित करने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए और क्या-क्या कदम उठाए।”

ई-मेल में आगे लिखा गया, “ओडीएनआई इस प्रयास का नेतृत्व करेगा, जिसमें सीआईए, एफबीआई, एनएसए और डीएचएस की भागीदारी होगी।”

राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के मुताबिक इसके बाद, ओबामा प्रशासन के अधिकारियों ने गलत जानकारी मीडिया को लीक की, जिनमें ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ जैसे प्रमुख समाचार संस्थान शामिल थे। इन रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि रूस ने साइबर तरीकों से चुनाव के परिणामों में हस्तक्षेप करने या उसे प्रभावित करने का प्रयास किया है।

इसके बाद 6 जनवरी 2017 को एक नया इंटेलिजेंस कम्युनिटी असेसमेंट जारी किया गया, जो पिछले छह महीनों तक किए गए आईसी के आकलनों से सीधे तौर पर विरोधाभासी था। कई महीनों की जांच के बाद यह सामने आया है कि यह नया खुफिया आकलन ऐसी जानकारी पर आधारित था, जिसे खुद उससे जुड़े लोग झूठा या अविश्वसनीय मानते थे।

प्रेस रिलीज के अनुसार यह एक राजनीतिक मकसद से तैयार की गई खुफिया रिपोर्ट थी, जिसका इस्तेमाल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत को गलत साबित करने, मुलर जांच जैसे लंबे समय तक चलने वाले मामलों, दो बार महाभियोग चलाने, कई अधिकारियों की जांच, गिरफ्तारी और जेल भेजने और अमेरिका व रूस के बीच तनाव बढ़ाने के लिए किया गया था।

Leave feedback about this

  • Service