पंजाब विधानसभा ने आज चार साहिबजादों – बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को श्रद्धांजलि दी। सदन ने माता गुजरी, बाबा जीवन सिंह, बाबा संगत सिंह और दीवान टोडर मल को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “साहिबजादों का बलिदान मानवता के इतिहास में एक अद्वितीय स्थान रखता है। अत्यंत कम उम्र में शहीद हुए इन शहीदों का बलिदान मानवता को अत्याचार के विरुद्ध लड़ने के लिए प्रेरित करता है।”
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक राणा गुरजीत सिंह ने वीर बाल दिवस के रूप में इस दिन को मनाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “उन्हें ‘वीर बाल’ कहना गलत है, जबकि सिख समुदाय में उन्हें ‘बाबा’ के रूप में पूजा जाता था।” कैबिनेट मंत्री अमन अरोरा ने ‘बाल दिवस’ शब्द की उत्पत्ति पर सवाल उठाते हुए कहा, “हमें यह जानने की जरूरत है कि शहीदी दिवस को ‘बाल दिवस’ नाम किसने दिया।”
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने सदस्यों से श्रद्धांजलि समारोह का राजनीतिकरण न करने का आग्रह करते हुए कहा, “आइए साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के विषय पर हो रही चर्चा का राजनीतिकरण न करें।”

