शिमला, 20 जून शहर में व्याप्त जल संकट को देखते हुए, शिमला नगर निगम शहर के सभी सार्वजनिक शौचालयों में पेयजल की आपूर्ति रोकने तथा इसके स्थान पर टैंकरों और नालों से पानी लाने पर विचार कर रहा है।
शिमला नगर निगम के मेयर सुरेन्द्र चौहान ने बताया कि रिहायशी इलाकों के अलावा सार्वजनिक शौचालयों में भी पीने का पानी सप्लाई किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “शहर में 100 से ज़्यादा सार्वजनिक शौचालय हैं। अगर हम इन सुविधाओं में पीने का पानी सप्लाई करना बंद कर दें और टैंकरों या नालों से पानी दें तो बहुत सारा पानी बचाया जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि इससे आवासीय क्षेत्रों को अतिरिक्त पेयजल मिल सकेगा और इससे मौजूदा जल संकट को कम करने में भी मदद मिलेगी।
इस बीच, शिमला में एक और दिन पानी की कमी का सामना करना पड़ा क्योंकि शहर को केवल 33.75 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) पानी मिला। इसमें से 21.25 एमएलडी पानी गुम्मा से, 9.86 एमएलडी गिरी से, 1.45 एमएलडी चुरोट से, 0.45 एमएलडी चैरह से और 0.74 एमएलडी कोटी ब्रांडी योजना से आपूर्ति की गई।
टोटू की निवासी कविता ठाकुर ने कहा, “हमें हैंडपंप से पानी लाने के लिए घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है। पानी की कमी के कारण हम अपने कपड़े, खासकर बच्चों की स्कूल यूनिफॉर्म नहीं धो पा रहे हैं।”
गुरुवार को एसजेपीएनएल मध्य जोन में राम बाजार, फिंगस्क, रुलदुभट्टा, ईदगाह, पीएनटी कॉलोनी, कालीबाड़ी और अल्गोन विला; लक्कड़ बाजार जोन में जाखू, स्टोक्स प्लेस, कॉर्नर हाउस और यूएस क्लब तथा चौड़ा मैदान जोन में समर हिल (आंद्री, मे विला, लोअर समरहिल और एमआई रूम), बोइल्यूगंज और टूटीकंडी को पेयजल आपूर्ति करेगा।