टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, डिप्टी कमिश्नर मैडम साक्षी साहनी के नेतृत्व में अमृतसर जिला प्रशासन ने पराली प्रबंधन के लिए 100 छोटे किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की है।
पंजाब के मुख्यमंत्री के निर्देश पर की गई इस पहल का उद्देश्य किसानों को धान की पराली के निपटान के लिए पर्यावरण अनुकूल तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
उपायुक्त साहनी ने धरढ़ गांव का दौरा किया और किसानों को चेक सौंपे तथा पर्यावरण संरक्षण और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में उनके प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने और पर्यावरण अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए धान की पराली को जलाने से बचना महत्वपूर्ण है।
मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. तजिंदर सिंह ने किसानों को सलाह दी कि वे भूमि उपयोग बढ़ाने के लिए धान की पराली को मिट्टी में मिला दें। उपस्थित किसानों ने पराली को बिना जलाए, मशीनों का उपयोग करके कटाई करने के अपने अनुभव साझा किए।
टिकाऊ खेती के तरीकों को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों में किसानों को बेलर, चॉपर और सरफेस सीडर जैसे आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराना शामिल है। अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से खेतों का दौरा करके प्रगति की निगरानी की जाएगी और अधिक किसानों को पर्यावरण-अनुकूल तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।