सेना की टुकड़ियां प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर बचाव अभियान के लिए अमृतसर जिले के रामदास क्षेत्र में पहुंच गई हैं, जहां बुधवार से लगभग 40 गांव जलमग्न हो गए हैं।
जवानों को अपने घरों में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना के वाहनों और नावों का इस्तेमाल करते देखा गया। रावी नदी के पास धुस्सी बांध के कम से कम तीन जगहों से टूट जाने के कुछ घंटों बाद नदी का पानी उनके घरों में घुस गया।
बचाव कार्य कल देर शाम तक जारी रहा। बुधवार से जलस्तर काफ़ी बढ़ गया है। कल 20 से ज़्यादा गाँव जलमग्न थे, लेकिन अब ऐसे गाँवों की संख्या बढ़कर लगभग 40 हो गई है।
सबसे अधिक प्रभावित गांवों में घोनेवाल, माछीवाल, मंगू नारू, शहजादा, जट्टन, कोट गुरबख्श, पशियान, निसोके, सिंघोके, महमद, मंदरावाला, घग्गर, धर्माबाद, रामदास, शामपुरा, कोटली शाह हबीब, नंगल सोहल, रूरेवाल, खतरा, पंडोरी, थांगई, मलिकपुरा, लंगरपुर, दुजोवाल, बेदी चन्ना, कोट रजादा, सूफियान, समराई शामिल हैं। भदल, छारपुर, गालिब, दरिया मंसूर, बाल लभे दरिया, नंगल अंब, कामिरपुरा, भैणी गिल, चक वाला, जगदेव खुर्द, साहोवाल, ढाई सिंहपुरा और बाजवा गांव।
उपायुक्त साक्षी साहनी, एडीसी रोहित गुप्ता और एसएसपी मनिंदर सिंह सेना की टुकड़ियों के साथ सुबह करीब चार बजे बचाव अभियान की निगरानी के लिए इलाके में पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने स्पीकरों से घोषणाएं कीं और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया, क्योंकि गांवों में तेज गति से पानी घुस रहा है।
उपायुक्त ने कहा, “चूंकि जल स्तर बढ़ गया है और अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं, इसलिए सरकारी वाहनों में चलना असंभव हो गया है और इसलिए लोगों को बचाने के लिए ट्रैक्टर ट्रेलरों और सेना के वाहनों का उपयोग किया जा रहा है।”