पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आज आरोप लगाया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के कुछ अधिकारियों ने राज्य में तैनाती के बाद बड़ोग में फ्लैट और अन्य जगहों पर प्लॉट खरीदे हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर एनएचएआई से जुड़े कई मुद्दों से उन्हें अवगत कराएँगे।
उन्होंने आगे कहा, “मुझे पूरी जानकारी है कि एनएचएआई के कितने अधिकारियों ने यहाँ तैनाती के बाद राज्य में फ्लैट और ज़मीनें खरीदी हैं। मैं यह बात केंद्रीय मंत्री के संज्ञान में लाऊँगा और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग करूँगा।”
मंत्री ने कहा कि एनएचएआई के खिलाफ शिकायतों और मामलों में लोगों को ज़्यादातर न्याय नहीं मिलता। उन्होंने आगे कहा, “पिछले कई सालों में लोगों ने एनएचएआई के खिलाफ उपायुक्तों और एसडीएम के स्तर पर कई शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है क्योंकि उपायुक्तों और एसडीएम के पास भी एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है।”
अनिरुद्ध ने सोलन के पास जाबली में दो साल पुराने एक मामले का हवाला दिया, जहाँ कुछ इमारतें गिर गई थीं। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को आज तक एनएचएआई से कोई राहत या मुआवज़ा नहीं मिला है। उन्होंने आगे कहा, “कुछ प्रभावशाली लोगों के कहने पर इस मामले में एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई। मैंने सोलन के एसपी से इस मामले से जुड़े एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करने के लिए बात की है।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “एनएचएआई अधिकारियों का काम है कि वे जाँच और संतुलन सुनिश्चित करें, लेकिन वे लापरवाह रहे हैं। इसलिए उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।”