शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शुक्रवार को शिमला ज़िले के जुब्बल में राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (SIEMAT) की आधारशिला रखी। 17 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित होने वाले इस स्वायत्त संस्थान को हिमाचल प्रदेश में शैक्षिक नियोजन, प्रबंधन, अनुसंधान, प्रशिक्षण और मूल्यांकन का एक प्रमुख केंद्र बनाने की परिकल्पना की गई है।
इस अवसर पर बोलते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। पूरा होने के बाद, यह संस्थान शैक्षिक नीति ढाँचों को मज़बूत करने, शैक्षिक प्रशासकों में नेतृत्व और प्रबंधन कौशल विकसित करने, साक्ष्य-आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देने और शिक्षा क्षेत्र में क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
रोहित ठाकुर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्य सरकार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच बढ़ाने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। शिक्षा क्षेत्र में मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिए वर्तमान सरकार के तहत विभिन्न श्रेणियों में हज़ारों शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों पर नियुक्तियाँ की गई हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एक अनूठी पहल के तहत, हिमाचल प्रदेश के मेधावी छात्रों को सिंगापुर और कंबोडिया जैसे देशों में अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा मॉडल से अध्ययन और सीखने का अवसर दिया गया है। इस अवसर का उद्देश्य उनकी शैक्षणिक समझ को समृद्ध करना और उनके वैश्विक दृष्टिकोण को व्यापक बनाना है।
मंत्री ने लेह और लद्दाख की अपनी हालिया यात्रा के अनुभव को भी साझा किया, जहाँ उन्होंने प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उन नवीन शैक्षिक प्रथाओं को तलाशने का एक प्रयास था जिन्हें हिमाचल के विशिष्ट सामाजिक-भौगोलिक संदर्भ में अनुकूलित और कार्यान्वित किया जा सकता है।
उम्मीद है कि SIEMAT की स्थापना राज्य में शैक्षिक परिणामों में सुधार लाने तथा शैक्षणिक प्रशासन और शिक्षणशास्त्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक थिंक टैंक और संसाधन केंद्र के रूप में काम करेगी।