प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान से कि भारत किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से समझौता नहीं करेगा, राज्य के सेब उत्पादकों में उत्साह है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दबाव में भारत द्वारा वाशिंगटन सेब पर आयात शुल्क कम करने की आशंका के बीच, सेब उत्पादकों ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी का स्वागत किया है और कहा है कि उनके इस कदम से सेब अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान से बचाया जा सकेगा।
फल, सब्जी एवं पुष्प उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा, “हम प्रधानमंत्री के बयान का स्वागत करते हैं। यह किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हितों की रक्षा में काफ़ी मददगार साबित होगा।” चौहान ने कहा कि भारत को 2018 की तरह ही अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाना चाहिए। चौहान ने कहा, “अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमीनियम जैसे भारतीय उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने के जवाब में भारत ने 2018 में वाशिंगटन सेब पर शुल्क 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया था।”
प्रधानमंत्री के रुख की सराहना करते हुए, सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने कहा, “ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि भारत सेब पर आयात शुल्क घटाकर 15% करने पर सहमत हो गया है। इससे सेब अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुँचता।” प्रोग्रेसिव ग्रोअर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकिंदर बिष्ट ने कहा कि सरकार को अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकना चाहिए।