N1Live National कांग्रेस कार्यकाल में हुए घोटालों पर जवाब दें अशोक गहलोत : जोगाराम पटेल
National

कांग्रेस कार्यकाल में हुए घोटालों पर जवाब दें अशोक गहलोत : जोगाराम पटेल

Ashok Gehlot should answer the scams that took place during the Congress tenure: Jogaram Patel

राजस्थान के कानून मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने मंगलवार को विपक्षी नेताओं के बयानों पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को अपने कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों पर जवाब देना चाहिए।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के हालिया बयानों पर जोगाराम पटेल ने कहा, “देश के गृह मंत्री अमित शाह का सार्वजनिक मंच से यह कहना ही काफी है कि 7 लाख करोड़ रुपए के एमओयू धरातल पर उतर चुके हैं। ऐसे में अब किसी को अक्षम्य नहीं लगना चाहिए। राजस्थान में निवेश और विकास की बाढ़ आ गई है, लेकिन विपक्षी नेता इसे नकारने की कोशिश कर रहे हैं। गहलोत साहब को अपनी सरकार के घोटालों पर जवाब देना चाहिए, न कि केंद्र की उपलब्धियों पर सवाल उठाना।”

उन्होंने जूली के बयान को ‘राजनीतिक बकवास’ करार देते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, जहां रोजगार और उद्योगों का बोलबाला है। उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में जनता भाजपा को फिर से जिताएगी।

आईआरसीटीसी घोटाले पर दिल्ली कोर्ट द्वारा लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय होने के बाद पटेल ने लालू परिवार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “लालू यादव और उनका परिवार कई मामलों में पहले भी लिप्त रहा है। अब आईआरसीटीसी का मामला सामने आ गया है। जंगलराज किसने चलाया, घोटाले कौन करता है, सबको अब फिर से पता चल गया होगा। बिहार की जनता को सुशासन सिर्फ भाजपा-एनडीए ही दे सकती है, और चुनाव में ये सब साबित भी हो जाएगा।”

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर रेप मामले में ममता बनर्जी के कथित बयान, ‘लड़कियों को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए’, पर पटेल ने कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “सीएम का बयान निंदनीय है। उन्हें इस तरह के बयान देने की जगह महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। ममता सरकार राज्य में अपराधियों को संरक्षण दे रही है, जबकि पीएम मोदी नारी शक्ति वंदन अधिनियम जैसे कदम उठा रहे हैं। यह बयान पीड़िताओं को ही दोषी ठहराने जैसा है, जो बहुत असंवेदनशील है।”

Exit mobile version