बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए के ‘संकल्प पत्र 2025’ को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह अब तक का सबसे छोटा और सबसे कमजोर मेनिफेस्टो लॉन्च था। सीएम नीतीश कुमार और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को डर था कि मीडिया उनसे सवाल पूछ लेगी, इसलिए वे सिर्फ 26 सेकंड में मेनिफेस्टो जारी कर चले गए।
गहलोत ने कहा कि एनडीए का मेनिफेस्टो जारी हुआ, नेता मंच पर आए और कुछ सेकंड में चले गए। मीडिया के कई साथियों ने मुझसे कहा कि अपने जीवन में उन्होंने पहली बार 26 सेकंड की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी। अगर नीतीश कुमार और जेपी नड्डा रुक जाते तो पत्रकार उनसे बीते वादों का हिसाब मांग लेते, इसलिए दोनों ने मंच से भागना ही सही समझा।
गहलोत ने तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी तो वैसे भी मीडिया से संवाद नहीं करते। गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में चुनावी घोषणापत्र जनता के प्रति जवाबदेही का दस्तावेज होता है, लेकिन एनडीए का यह मेनिफेस्टो सिर्फ झूठ का पुलिंदा है। 20 साल के काम का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखना चाहिए था, पर उन्होंने फिर से केवल खोखले वादे किए। बिहार के साथ बार-बार वादाखिलाफी की गई है।
गहलोत ने सम्राट चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि 50 हजार करोड़ के निवेश की बात करना सिर्फ एक कल्पना है। क्या कोई एमओयू साइन हुआ है? यह आंकड़ा हवा में उछाला गया है ताकि जनता को भ्रमित किया जा सके। उन्होंने कहा कि एनडीए का पूरा अभियान झूठ और दिखावे पर आधारित है।
गहलोत ने सवाल उठाया कि जब चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है, तो आखिर मेनिफेस्टो जारी करने की जिम्मेदारी उन्हें क्यों नहीं दी गई? क्या वह अब ऐसी स्थिति में नहीं हैं कि जनता के सामने आकर घोषणापत्र पढ़ सकें? महागठबंधन के वादों को लेकर गहलोत ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव जीतने के बाद मेनिफेस्टो को सबसे पहले कैबिनेट में मंजूरी दिलाएगी। उन्होंने कहा कि हम जो वादे जनता से करते हैं, उन्हें निभाएंगे और यही हमारी राजनीति की पहचान है।
वहीं, इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि और सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को लेकर गहलोत ने कहा कि हम दोनों को नमन करते हैं।

 
													
 
											 
											 
											 
											 
											