नई दिल्ली, 2 नवंबर। दिल्ली में इन दिनों प्रदूषण चरम पर है। एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 को पार कर 400 के आसपास है। इससे आम लोगों को अपने स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंता होना लाजमी है। इस पर देश के जानेमाने डॉक्टर अनिल गोयल ने लोगों को इससे बचने के बारे में चेतावनी और सलाह दी है।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “प्रदूषण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। इसके कारण फेफड़ों में संक्रमण बढ़ता है, जिससे निमोनिया और अस्थमा जैसी बीमारियां हो सकती हैं। खासकर बच्चों को इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वायु प्रदूषण से फैले पार्टिकुलेट मैटर से कई गंभीर बीमारियां होती हैं। जो लोग डायबिटीज या हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं, उन्हें भी प्रदूषण से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वायु प्रदूषण में मौजूद एलर्जेंस आंखों में जलन पैदा कर सकते हैं, इससे आंखों से पानी आने लगता है और गले में खराश होती है। प्रदूषण रक्त प्रवाह के जरिए किडनी और लीवर को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, साफ हवा का अधिकार सभी को मिलना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “लोगों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। सबसे पहले, अपने आसपास सफाई का ध्यान रखें। सुबह पानी का छिड़काव करें और घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। प्रदूषण कम करने के लिए हमें खुद भी कोशिश करनी चाहिए, जैसे कि कचरा खुले में न डालें और न जलाएं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें, और निजी वाहनों के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्राथमिकता दें। उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगाना चाहिए। जनरेटर का उपयोग कम से कम करना चाहिए, और अगर आवश्यक हो, तो उसे कनवर्टर से लैस किया जाना चाहिए। जितना संभव हो, शॉर्टकट्स को कम करना बेहतर होगा। जब बाहर निकलें, तो मास्क का उपयोग करें, खासकर उन दिनों में जब प्रदूषण अधिक हो। सुबह और शाम के समय में, जब प्रदूषण अधिक होता है, ज्यादा एक्सरसाइज से बचें। बच्चों को सलाह दी जाती है कि वे घर से बाहर न निकलें, और अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 तक पहुंचता है, तो स्कूलों को भी बंद करना पड़ सकता है।”
उन्होंने कहा, “सुबह की सैर के लिए बच्चों को तब बाहर जाने देना चाहिए, जब धूप निकल चुकी हो, लेकिन भारी एक्सरसाइज से बचें और गहरी सांस लेने से भी परहेज करें। खाने-पीने में संयम बरतें। जितना हो सके, पका हुआ खाना खाएं। ताजे फल, हरी सब्जियां, और मिलेट्स का सेवन बढ़ाएं।”
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