June 7, 2025
Uttar Pradesh

अयोध्या : राम पथ से हटेंगी नॉनवेज की दुकानें, आदेश जारी

Ayodhya: Non-veg shops will be removed from Ram Path, order issued

अयोध्या, 4 जून । अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा को ध्यान में रखते हुए रविवार को एक बड़ा फैसला लिया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राम पथ, धर्म पथ, भक्ति पथ, 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा मार्ग जैसे पवित्र स्थानों पर मांसाहारी वस्तुओं और शराब की बिक्री को पूरी तरह प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया गया है।

प्रशासन ने इस दिशा में त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है और मांसाहार बेचने वाली दुकानों को सात दिन के भीतर बंद करने का सख्त निर्देश दिया है।

बीती रात सहायक खाद्य आयुक्त के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारियों ने करीब 13 किलोमीटर लंबे राम पथ का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन सभी दुकानों को चिह्नित किया गया, जहां मांसाहारी भोजन की बिक्री हो रही थी। इन दुकानों को सात दिन के भीतर अपनी गतिविधियां बंद करने का अल्टीमेटम दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि समय सीमा समाप्त होने के बाद नगर निगम का विशेष परिवर्तन दल मौके पर पहुंचेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले, अयोध्या नगर निगम की बैठक में महापौर गिरीश पति त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया था। इस प्रस्ताव में निर्णय लिया गया कि राम पथ और अन्य धार्मिक मार्गों पर न तो मांसाहारी भोजन की बिक्री की अनुमति होगी और न ही शराब की बिक्री की जाएगी। यह कदम अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है। महापौर ने कहा कि अयोध्या एक पवित्र नगरी है, जहां हर कदम पर रामायणकालीन इतिहास और आध्यात्मिकता सजीव है। इसे सात्विक वातावरण के रूप में बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।

यह निर्णय न केवल अयोध्या में आने वाले लाखों राम भक्तों और श्रद्धालुओं को एक शुद्ध और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा, बल्कि शहर को वैश्विक स्तर पर एक सात्विक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा। राम पथ और परिक्रमा मार्गों पर मांसाहार और शराब की बिक्री पर रोक से श्रद्धालुओं को पवित्र माहौल मिलेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम अयोध्या को एक वैश्विक सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह निर्णय न केवल धार्मिक भावनाओं का सम्मान करता है, बल्कि अयोध्या की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

Leave feedback about this

  • Service