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बाबा विश्वनाथ सुनेंगे रामकथा, श्रृंगार गौरी के पूजन के बाद हुई शुरुआत

Baba Vishwanath will listen to Ram Katha, it started after the worship of Shringar Gauri

वाराणसी, 22 मार्च। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि काशी विश्वनाथ बाबा नौ दिनों तक रामकथा सुनेंगे। श्रृंगार गौरी के पूजन के बाद से ही इसकी शुरुआत हो गई है।

महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि 19 अप्रैल 1669 में काशी ज्ञानवापी का मंदिर औरंगजेब ने तुड़वाया था। उसके बाद से आज तक काशी के वैदिक विद्वान और ब्राह्मण भगवान शिव को रामकथा सुनाते हैं। हालांकि, कथा का समय माघ में है। लेकिन, महाकुंभ के कारण इस वर्ष तिथि में परिवर्तन हुआ है। यह कथा शुक्रवार से प्रारंभ हुई है। यह नौ दिवसीय है, जिसमें पहले दिन और समापन के दिन श्रृंगार गौरी का पूजन होता है।

उन्होंने बताया कि रामकथा नौ दिन चलेगी। इस दौरान बाबा विश्वनाथ जी रामकथा सुनेंगे। यह कथा ऐसी है, जिसमें आदेश के बाद पटाखे भी फोड़े जाते हैं। वहीं, सामग्रियों की लिस्ट भी रहती है। यह तो एक संकल्प है। ज्ञानवापी का जो मंदिर है, यह पुनः पूर्ण हो, इसके लिए बाबा विश्वनाथ रामकथा सुनते हैं। शुक्रवार को मां श्रृंगार गौरी का पूजन हुआ। इसके बाद प्रतीक्षारत नंदी का पूजन हुआ। इसके बाद बाबा विश्वनाथ का पूजन के बाद रामकथा प्रारंभ की जाएगी।

महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आगे बताया कि 400 से ज्यादा वर्षों से रामकथा की टीम यही कर रही है। लेकिन, आजादी के बाद से जब से रिकॉर्ड में रखने की बात आई तब से 67 वर्ष हो गए। अब तो श्रृंगार गौरी का दर्शन दूर से सभी कर सकते हैं। पूजन कुछ लोगों को करना रहता है। एक बार चैत्र शुक्ल की चतुर्थी नवरात्रि में भी विभिन्न संगठनों के लोग रामकथा करते हैं।

इस आयोजन के दौरान 22 मार्च को दोपहर 12 बजे श्री राम जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसके बाद चार पताका के साथ 23 मार्च को दोपहर 12 बजे श्री राम विवाह उत्सव आयोजित किया जाएगा। वहीं, 8 पटाका ध्वनि के साथ राम जन्म उत्सव के शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय हिंदू महासभा, संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज उपस्थित रहेंगे। इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी सम्मिलित होते हैं।

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