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भाजपा सरकार में पिछड़ों को नहीं मिल रहा आरक्षण का लाभ : फखरुल हसन चांद

Backwards are not getting the benefit of reservation in BJP government: Fakhrul Hasan Chand

लखनऊ, 22 जुलाई । यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को एक चिट्ठी लिखकर कर्मचारियों को मिले आरक्षण का ब्यौरा मांगा है। इसको लेकर सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा पार्टी चुनाव के पहले इस मुद्दे को उठाती रही है।

फखरुल हसन चांद ने कहा, पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी एक पत्र लिखा था कि शिक्षक भर्ती में जो लाभ पिछड़ों को मिलना चाहिए, वो नहीं मिला। केशव प्रसाद मौर्य ने भी पत्र लिखा कि जो आउटसोर्सिंग से आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए था, वह लाभ मिला या नहीं मिला? इसको लेकर विभाग से सवाल पूछा है। केशव प्रसाद मौर्य ने पत्र जरूर लिखा है, लेकिन उससे कुछ बदलने वाला नहीं है। ये सरकार आरक्षण विरोधी है और इसका चेहरा जनता के सामने है।

सपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि अनुप्रिया पटेल, संजय निषाद या ओम प्रकाश राजभर सभी पिछड़ों के आरक्षण के मुद्दे को लोकसभा चुनाव के बाद उठा रहे हैं। लेकिन समाजवादी पार्टी इस सवाल को लोकसभा चुनाव से पहले से उठाती रही है और अब भी सवाल कर रही है कि भारतीय जनता पार्टी के सरकार में दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों को जो संविधान के हिसाब से लाभ मिलना चाहिए था वो नहीं मिल रहा है।

200 किसान नेता दिल्ली जा रहे हैं और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से एमएसपी और अन्य मुद्दों पर बात करने वाले हैं। इसको लेकर सपा नेता ने कहा, किसानों की लड़ाई को समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन लगातार उठा रही है। किसानों और विपक्ष के दबाव में सरकार को कृषि कानून खत्म करने पड़े। लेकिन अभी भी किसानों के कुछ मुद्दे हैं, जो सरकार नहीं सुन रही है। इसको लेकर किसान राहुल गांधी से मिल रहे हैं। विपक्ष किसानों के मुद्दे को सड़क और संसद में उठाने का काम करती रहा है और आगे भी करता रहेगा।

कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर दुकानदारों के नाम लिखे जाने के सवाल पर सपा नेता फखरुल हसन ने कहा कि समाजवादी पार्टी इसकी आलोचना कर रही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अब इस पर रोक लगा दी है।

बजट को लेकर सपा नेता ने कहा कि पिछले 10 साल के भाजपा शासन के बजट से कुछ भी हासिल नहीं हुआ। महंगाई, बेरोजगारी बढ़ी है। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में जो काम होना चाहिए, वो नहीं हुआ। देश के विकास और तरक्की के लिए जो रोडमैप होना चाहिए था, वो नहीं हुआ।

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