मोहाली की पॉक्सो कोर्ट ने स्वघोषित पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया।
राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि बजिंदर सिंह को यौन शोषण मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। कोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा का स्वागत करती हूं। बजिंदर सिंह झूठा और पाखंडी आदमी है। इसने अपने पाखंड के चलते पिछले कई सालों में कई कनवर्जन भी किए हैं। कभी ये किसी मरे हुए इंसान को जिंदा करने का नाटक करता है, कभी ये किसी विकलांग को ठीक कर देने का पाखंड रचता है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे एक बात समझ नहीं आती है कि बजिंदर सिंह को पिछले कई सालों से पंजाब सरकार संरक्षण क्यों दे रही है। बजिंदर सिंह को सरकार ने हाई सिक्योरिटी भी दे रखी है। आशा करती हूं कि इस मामले में जांच अब और तेज होगी।
वहीं, बजिंदर के वकील एचएस धनोआ ने कहा कि कोर्ट की तरफ से उम्रकैद की सजा और एक लाख का जुर्माना लगाया है। हमारी तरफ से मांग की गई थी कि कम से कम सजा दी जाए। हमने कहा था कि बजिंदर के 3 छोटे बच्चे हैं, पत्नी बीमार हैं। इस मामले में जल्द ही हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।
बता दें कि मोहाली की पॉक्सो कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद स्वघोषित पादरी बजिंदर सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल ले जाया गया। कोर्ट ने पिछले हफ्ते बजिंदर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), धारा 323 ( चोट पहुंचाने) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी करार दिया था। हरियाणा के यमुनानगर निवासी और जालंधर स्थित ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’ के संस्थापक बजिंदर सिंह खुद को ईसा मसीह का दूत बताता है और चमत्कारिक इलाज का दावा करता है। उसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसमें वह मरीजों को ठीक करता दिखाई देता है।
बजिंदर सिंह को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद पीड़िता और उसके परिवार ने राहत की सांस ली और न्याय मिलने पर खुशी जताई। पीड़िता ने कोर्ट का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं मोहाली कोर्ट के जज, वकीलों, मीडिया और इस लड़ाई में मेरे साथ खड़े सभी लोगों की शुक्रगुजार हूं। मुझे आज इंसाफ मिला है।”
पीड़िता के पति ने कहा, “बजिंदर एक आदतन अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है। सजा सुनाते समय उसके आपराधिक इतिहास को ध्यान में रखा गया। हमें न्याय प्रणाली पर भरोसा था और आज वह पूरा हुआ। कोर्ट ने इस मामले में 5 अन्य लोगों को बरी किया है, जिन्होंने 7 साल तक सजा भुगती। हम इस फैसले से पूरी तरह संतुष्ट हैं। लिखित फैसले में यह देखना होगा कि क्या जज उसे ‘हैबिचुअल क्रिमिनल’ घोषित करते हैं।”
पीड़िता के वकील अनिल कुमार सागर ने कहा कि बजिंदर सिंह को उम्रकैद की सजा मिली है, यानी उसे अपनी आखिरी सांस तक जेल में रहना होगा। अदालत ने साबित कर दिया है कि सर्वोच्च शक्ति न्यायपालिका के पास है। जो गलत करेगा, उसे सजा जरूर मिलेगी।