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हिंदुओं पर हमले को लेकर बांग्लादेश सरकार बनी हुई है मूकदर्शक : एसपी वेद

Bangladesh government remains a mute spectator to attacks on Hindus: SP Ved

श्रीनगर, 28 नवंबर जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वेद ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वो इस हमले को रोकने की दिशा में कदम उठाएं।

उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं, उनके घरों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है, उनकी संपत्ति को लूटा जा रहा है। लेकिन, बांग्लादेश सरकार ने इन घटनाओं पर कार्रवाई करने की बजाय केवल मूकदर्शक की भूमिका निभाई है, और पुलिस और सेना इन मामलों में कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रही है। खासकर, चिन्मय कृष्ण दास को फर्जी मामलों में गिरफ्तार किया गया है, और इस स्थिति को रोकने के लिए भारत को हस्तक्षेप करना होगा।”

उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में हो रहे इन अत्याचारों को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास करना चाहिए और भारत को इस मुद्दे पर दुनिया में एक सशक्त आवाज उठानी चाहिए।”

साथ ही, उन्होंने भारतवासियों से भी अपील की है कि वे प्रधानमंत्री से आग्रह करें कि इस उत्पीड़न को समाप्त करने के लिए शीघ्र कदम उठाया जाए।

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों पर लगातार हमले हो रहे हैं। भारत ने इस हमलों पर ऐतराज जताया है और बांग्लादेश सरकार से इस पर रोक लगाने की मांग की है। इस बीच, भारत में कई गणमान्य लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बांग्लादेश में हो रहे हमलों पर रोक लगाने की दिशा में कदम उठाने की मांग की है।

इस बीच, बीते दिनों इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया।

वहीं, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा ने बांग्लादेश प्रशासन द्वारा इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी की गिरफ्तारी को कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना बताया है।

उन्होंने कहा, “विश्व हिंदू परिषद बांग्लादेश प्रशासन की इस कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना का पुरजोर विरोध करती है। इस्कॉन ने या अन्य हिंदू समाज के संगठनों ने अभी तक अपने उत्पीड़न के विरोध में जितने प्रदर्शन किए हैं, वो लोकतांत्रिक तरीके से किए हैं। किसी भी प्रकार की हिंसा का उन्होंने प्रतिहिंसा के रूप में कोई उत्तर नहीं दिया है। इस प्रकार के पूर्ण शांतिप्रिय और लोकतांत्रिक रूप से अपनी बात रखने वाले समाज के किसी नेतृत्व को इस प्रकार से गिरफ्तार करना, उनकी आवाज को दबाने की कोशिश करना अलोकतांत्रिक और अमानवीय घटना है। यह हिंदू समाज के मानवाधिकारों का हनन भी है।”

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