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सामाजिकता को ध्यान में रखकर गाना चाहिए: भोजपुरी सिंगर कल्पना पटवारी

Bhojpuri singer Kalpana Patwari says one should sing keeping sociality in mind.

भोजपुरी की लेजेंड्री सिंगर कल्पना पटवारी ने भोजपुरी और हिंदी सिनेमा में कई ऐसे गाने दिए हैं, जिन्हें आज भी पूरे मन के साथ सुना जाता है।

सिंगर के छठी मईया और आध्यात्मिक गीत सबसे ज्यादा सुने जाते हैं। अब सिंगर कल्पना पटवारी को पटना में एक कार्यक्रम में देखा गया, जहां उन्होंने भोजपुरी सिनेमा में अश्लीलता और बिहार सरकार से राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने की खुशी जाहिर की।

सिंगर कल्पना पटवारी ने भोजपुरी सिनेमा में अश्लीलता और सुधार के आईएएनएस के सवाल पर कहा कि सिनेमा में अच्छा कार्य करने की जरूरत है, छोटी लकीर को मिटाने की कोशिश करेंगे। अगर मिटाना संभव नहीं होगा तो बड़ी लकीर बनानी चाहिए। इस तरह के सामाजिक मुद्दों पर गाइए, भिखारी ठाकुर या महेंदर मिसिर हो…या विद्यामति की रचना हो.. सामाजिकता को ध्यान में रखकर गाना चाहिए। ग्लोबल स्तर पर भोजपुरी को लाने की जरूरत है।

बिहार सरकार से अवॉर्ड मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए सिंगर ने कहा, “बिहार सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरा प्रोत्साहन बढ़ाया। मुझे बहुत सारी ऊर्जा से भर दिया है। अब मैं और क्या-क्या कर सकती हूं…अगर मुझे अवार्ड नहीं मिलता, फिर भी मैं हमेशा से प्रयास करती, क्योंकि जनता ने बहुत सारा प्यार और आशीर्वाद दिया है।” सिंगर ने आगे कहा, “जैसे कोई पीठ पर थपथपी देता है कि आप आगे बढ़िए, हम आपके साथ हैं, अब और स्पीड से भागूंगी और क्रिएटिवली काम करूंगी।

सिंगर ने इस दौरान अपनी सुरीली आवाज में मीठा सा गीत भी सुनाया और बताया कि आगे दर्शकों को उनके छठ के बहुत सारे गाने सुनने को मिलेंगे।

गंगा स्नान और सौर ऊर्जा स्क्रीनिंग पर बात करते हुए सिंगर ने कहा कि मैं लगातार सालों से कोशिश कर रही हूं कि बिहार के गौरवमय इतिहास, अलग-अलग पॉजिटिविटी और बहुत सारी सांस्कृतिक बातों की बात करूं, जैसे चंपारण सत्याग्रह की बात करूं। उस पर ग्लोबली सोचने की जरूरत है। हम सिर्फ लोकल होकर नहीं सोचेंगे। उसके लिए चाहे चंपारण सत्याग्रह हो, चाहे सौर ऊर्जा हो, जिसमें सौर ऊर्जा के साथ बच्चों को जोड़कर मैंने आपके सामने रखा है।

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