November 28, 2024
National

बिहार और केंद्र सरकार मिलकर किसानों के हित के लिए कर रही काम : मंगल पांडेय

पटना, 22 अक्टूबर । बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए जा रहे फैसलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है।

मंगल पांडेय ने कहा, “बिहार में किसानों की समृद्धि और उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए केंद्र और बिहार सरकार एक साथ मिलकर काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में, सरकार सभी आवश्यक संसाधनों को किसानों के लिए उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसान आधुनिकतम तकनीकों का उपयोग कर खेती करें, जिससे उन्हें खेती से अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके और उनके घरों में आर्थिक समृद्धि आए।”

उन्होंने कहा, “आज के समय यह अत्यंत आवश्यक है कि किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग करें। इन यंत्रों की मदद से फसलों की पैदावार में वृद्धि संभव हो सकेगी। इस दिशा में बिहार सरकार के कृषि विभाग द्वारा किसानों को अनुदानित कृषि यंत्र प्रदान किए जा रहे हैं। इससे न केवल किसानों की मेहनत कम होगी, बल्कि उत्पादन भी बढ़ेगा।”

उन्होंने कहा, “ कस्टम हायरिंग सेंटर और फार्म मशीनरी बैंक जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन केंद्रों के माध्यम से छोटे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले कृषि यंत्र किराए पर लेने का अवसर मिलता है। यह व्यवस्था किसानों को यंत्रों का उपयोग करने में मदद करती है, जिससे वे अपने खेतों में अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकें।”

उन्होंने कहा, “इन केंद्रों में आधुनिकतम मशीनों की सुविधा प्रदान की जा रही है, ताकि किसान भाड़े पर इन यंत्रों को लेकर अपनी फसल के लिए बेहतर काम कर सकें। यह पहल विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए फायदेमंद है।”

उन्होंने कहा, “इस वर्ष के लिए इस योजना का लक्ष्य 186 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। अब तक इस योजना के अंतर्गत लगभग 75 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है। यह राशि 17 जिलों के किसानों को कृषि यंत्रों को प्राप्‍त करने के लिए उपलब्ध कराई जा रही है। इस प्रकार, सरकार का प्रयास है कि किसान आधुनिक तकनीक के साथ खेती करें, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो और वे एक समृद्ध जीवन जी सकें। इस संपूर्ण योजना का उद्देश्य यह है कि बिहार के किसान खेती के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनें और अपनी मेहनत का उचित फल प्राप्त कर सकें।”

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