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भाजपा सरकार दलितों के प्रति पक्षपाती है: भूपेंद्र सिंह हुड्डा

BJP government is biased towards Dalits: Bhupendra Singh Hooda

हिसार, 29 जुलाई पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार पर हमला तेज करते हुए कहा है कि भाजपा जब से राज्य में सत्ता में आई है, तब से वह दलितों और पिछड़ों के आरक्षण और अधिकारों पर लगातार अंकुश लगा रही है।

गरीबों के लिए भूखंड और मकान का वादा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गरीबों, अनुसूचित जातियों और पिछड़ों के लिए 100 वर्ग गज के प्लॉट और दो कमरों के मकान, 25 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज योजना, बुजुर्गों को 6,000 रुपये पेंशन और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का वादा किया।

नलवा विधानसभा क्षेत्र के आजाद नगर इलाके में गुरु दक्ष प्रजापति महाराज जयंती को संबोधित करते हुए हुड्डा ने आरोप लगाया कि भाजपा एससी और ओबीसी विरोधी मानसिकता से ग्रस्त है।

उन्होंने कहा, “यही कारण है कि भाजपा निजीकरण और कौशल निगम के माध्यम से स्थायी सरकारी नौकरियों को खत्म कर रही है। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों को बंद करके शिक्षा व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। अगर सरकारी नौकरियां और सरकारी शिक्षण संस्थान खत्म कर दिए गए तो एससी-ओबीसी का आरक्षण अपने आप खत्म हो जाएगा।”

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस और पिछड़ा समाज एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस तभी सत्ता से बाहर होती है, जब पिछड़ा वर्ग कांग्रेस से दूर होता है। जब कांग्रेस सत्ता से बाहर होती है, तो सबसे ज्यादा नुकसान पिछड़े समाज को उठाना पड़ता है, क्योंकि बाकी सभी पार्टियां पिछड़े वर्ग के अधिकारों पर हमला करती हैं।”

उन्होंने कहा, “भाजपा ने सत्ता में आने पर भी इस वर्ग को निशाना बनाया था, क्योंकि पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खत्म करने के लिए क्रीमीलेयर की सीमा 8 लाख रुपये से घटाकर 6 लाख रुपये कर दी गई थी। इसके साथ ही कृषि और वेतन आय को भी इसमें जोड़ दिया गया था। जबकि कांग्रेस सरकार ने कृषि और वेतन आय को क्रीमीलेयर से अलग कर दिया था, ताकि समाज को आरक्षण का पूरा लाभ मिल सके।”

पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा ने चुनाव में वोट पाने के लिए क्रीमीलेयर की सीमा को फिर से बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दिया। उन्होंने सवाल किया, “भाजपा ने पिछड़ा वर्ग विरोधी फैसले के लिए अब तक माफी क्यों नहीं मांगी? सरकार के इस फैसले के कारण पिछड़ा वर्ग के हजारों बच्चे एमबीबीएस, इंजीनियरिंग और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश से वंचित रह गए और हजारों युवाओं को पिछले 7 सालों में सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई। उनके नुकसान की भरपाई कौन करेगा?”

उन्होंने कहा, “इतना ही नहीं, इस सरकार ने कौशल रोजगार निगम लागू करके एससी-ओबीसी का आरक्षण पूरी तरह खत्म कर दिया है। भाजपा की इस ठेकेदारी व्यवस्था में न तो आरक्षण है, न योग्यता और न ही पारदर्शिता। इस नीति के तहत भविष्य में सभी भर्तियां कौशल निगम के माध्यम से की जाएंगी और अप्रत्यक्ष रूप से आरक्षण स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। इसीलिए प्रदेश में 2 लाख स्थायी नौकरियां खाली पड़ी हैं और हजारों ओबीसी पदों का बैकलॉग बना हुआ है, लेकिन भाजपा इसे भरना नहीं चाहती।”

हुड्डा ने घोषणा की कि कांग्रेस सरकार बनने पर इस बैकलॉग को खत्म किया जाएगा और खाली पड़े 2 लाख पदों पर आरक्षण का लाभ देकर स्थायी भर्ती की जाएगी। उन्होंने वादा किया कि पेपर लीक और भर्ती माफिया को खत्म करके सभी नौकरियां मेरिट के आधार पर दी जाएंगी। क्रीमीलेयर की सीमा 8 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जाएगी।

हुड्डा ने गरीबों, अनुसूचित जातियों और पिछड़ों के लिए 100 वर्ग गज के प्लॉट और दो कमरों के मकान, 25 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज योजना, बुजुर्गों को 6,000 रुपये पेंशन और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का भी वादा किया।

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