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भाजपा के ओबीसी नेताओं ने जाट आरक्षण आंदोलन में कांग्रेस की ‘भूमिका’ का मुद्दा उठाया

OBC leaders of BJP raised the issue of 'role' of Congress in Jat reservation movement.

चंडीगढ़, 29 जुलाई भाजपा के वरिष्ठ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नेताओं ने आज फिर 2016 के जाट आरक्षण आंदोलन और उसमें कांग्रेस की भूमिका का मुद्दा उठाया। इस घटनाक्रम को अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भगवा पार्टी के जाट बनाम गैर-जाट मुद्दे के रूप में देखा जा रहा है।

मतदाताओं को मामले की याद दिलाने की जरूरत जब उनसे पूछा गया कि आठ साल बाद और विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा जाट आरक्षण दंगों को क्यों उछाल रही है, तो राज्यसभा सदस्य राम चंद्र जांगड़ा ने कहा कि ‘कुछ चीजें’ मतदाताओं को सही समय पर याद दिलाने की जरूरत है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “अगर हम हर साल रामलीला का मंचन नहीं करेंगे तो हम भगवान राम को भूल जाएंगे।”

भूपेंद्र हुड्डा को स्पष्टीकरण देना होगा कांग्रेस ने अपनी कमियों से ध्यान हटाने के लिए ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान शुरू किया है। हुड्डा को अपने शासन में हुई चूकों के लिए जवाब देना चाहिए। रणबीर गंगवा, हरियाणा के डिप्टी स्पीकर

ओबीसी नेताओं – राज्यसभा सदस्य राम चंद्र जांगड़ा, हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा, हरियाणा ओबीसी सेल के प्रमुख करण देव कंबोज और यमुनानगर नगर निगम के मेयर मदन चौहान – ने जाट आरक्षण दंगों को भड़काने में कथित भूमिका के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा। दंगों में बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति हुई, जिसमें रोहतक में पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर में तोड़फोड़ भी शामिल है।

उन्होंने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने में कांग्रेस की कथित भूमिका को रेखांकित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विश्वासपात्र वीरेंद्र सिंह का कथित ऑडियो भी चलाया। जांगड़ा ने आरोप लगाया, “कांग्रेस ने दंगों में अपनी संदिग्ध भूमिका के माध्यम से राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव के माहौल को खराब करने की कोशिश की।”

जब उनसे पूछा गया कि आठ साल से ज़्यादा समय बीत जाने के बाद बीजेपी जाट आरक्षण आंदोलन को क्यों उठा रही है, तो जांगड़ा ने कहा कि ‘कुछ बातें’ मतदाताओं को सही समय पर याद दिलाने की ज़रूरत है। उन्होंने मज़ाक में कहा, “अगर हम हर साल रामलीला नहीं करेंगे तो हम भगवान राम को भूल जाएँगे।”

हालांकि, उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि भाजपा गैर-जाट मुद्दे पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी 36 बिरादरियों को विकास के रास्ते पर लेकर ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना से काम कर रही है।

गंगवा ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी कमियों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए भाजपा सरकार के खिलाफ “हरियाणा मांगे हिसाब” अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा, “हुड्डा को अपने 10 साल के शासन के दौरान की गई कई गलतियों के लिए हरियाणा के लोगों को जवाब देना चाहिए। हम राज्य में अपने 10 साल के विकास के आधार पर मतदाताओं के पास जाएंगे।”

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जाट आरक्षण आंदोलन के पीड़ितों को करोड़ों रुपए का मुआवजा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हुड्डा के शासनकाल में क्षेत्रवाद, जातिवाद और गुंडागर्दी का बोलबाला था। उन्होंने कहा, “पहले मनोहर लाल खट्टर और अब नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने प्रशासन में पारदर्शिता लाने के साथ ही पूरे राज्य में समान विकास किया है।”

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