बहराइच, 6 जनवरी। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की महसी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेश्वर सिंह को उप जिलाधिकारी को धमकाने के 21 साल पुराने मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई गई।
सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए गठित एक विशेष अदालत ने सजा सुनाई है। अपर सिविल जज प्रवर खंड एवं एसीजेएम एमपी/एमएलए कोर्ट अनुपम दीक्षित ने इस मामले की सुनवाई की।
उप जिलाधिकारी के बयान के साथ ही अन्य साक्ष्य का भी परीक्षण कराया गया। जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के अनुसार दो साल या उससे अधिक की कैद की सजा पाने वाले किसी भी जनप्रतिनिधि को सजा की तिथि से ही अयोग्य घोषित कर दिया जाता है और सजा काटने के बाद अगले छह साल तक उसके चुनाव लड़ने पर रोक रहती है।
जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मुन्नू लाल मिश्र ने शुक्रवार को बताया कि अदालत ने सजा सुनाए जाने के बाद विधायक को फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिए जमानत दे दी है। यह आदेश चार जनवरी को सुनाया गया था, जिसकी प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई।
2 सितंबर 2002 को महसी तहसील के उप जिलाधिकारी लाल मणि मिश्र ने हरदी थाने में विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सुरेश्वर सिंह ने एसडीएम कार्यालय में घुसकर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न कर एसडीएम के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें धमकी दी थी।
4 जनवरी को एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अनुपम दीक्षित ने विधायक को दो साल कैद एवं ढाई हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। आदेश के अनुसार, जुर्माना अदा ना करने पर उन्हें सात दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सजा सुनाए जाने के बाद भाजपा विधायक सिंह को अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिए जमानत दे दी।